2010-08-25 12:51:29

भोपालः ख्रीस्तीय नेताओं ने अल्पसंख्यक आयोग में भागीदारी की मांग रखी


मध्यप्रदेश के ख्रीस्तीय धर्मानुयायी प्रदेश सरकार पर दबाव जारी रख रहे हैं ताकि राज्य के अल्पसंख्यक आयोग में उनके द्वारा नामांकित ख्रीस्तीय सदस्य को शामिल किया जाये।
21 अगस्त को मध्यप्रदेश में काथलिक कलीसिया के प्रवक्ता फादर आनन्द मुत्तुंगल के नेतृत्व में चार सदस्यीय शिष्ट मण्डल ने भारतीय जनता पार्टी की वरिष्ठ नेता सुषमा स्वराज से मुलाकात कर उनके समक्ष एक याचिका प्रस्तुत की।
अल्पसंख्यक आयोग का गठन धार्मिक अल्पसंख्यकों के हितों की रक्षा के लिये किया गया है किन्तु ख्रीस्तीय नेताओं का आरोप है कि आयोग में शामिल, सरकार द्वारा नियुक्त, ख्रीस्तीय सदस्य राज्य के ख्रीस्तीय धर्मानुयायियों के हितों पर ध्यान नहीं देता है।
मध्यप्रदेश की लगभग छः करोड़ की आबादी में ख्रीस्तीय धर्मानुयायी एक प्रतिशत हैं जबकि इस्लाम, सिक्ख, बौद्ध एवं जैन धर्मानुयायी अन्य अल्पसंख्यक समुदाय हैं। आयोग में हर अल्पसंख्यक समुदाय का एक सदस्य शामिल है।
ऊका समाचार से फादर आनन्द मुत्तुंगल ने कहा कि जब तक सरकार ख्रीस्तीय सदस्य की नियुक्ति पर कलीसिया से सलाह मशवरा नहीं करेगी तब तक आयोग ख्रीस्तीय धर्मानुयायियों की आकाँक्षाओं पर विचार नहीं कर पायेगा।
उन्होंने बताया कि 12 अगस्त को इसी सिलसिले में काथलिक धर्माध्यक्षों ने मुख्यमंत्री शिवराज चौहान से मुलाकात की थी जिन्होंने अल्पसंख्यक आयोग में ख्रीस्तीय सदस्य की नियुक्ति के प्रश्न पर विचार करने का आश्वासन दिया है।
भोपाल के महाधर्माध्यक्ष लियो कॉरनेलियो ने अल्पसंख्यक आयोग में कलीसिया द्वारा नामांकित सदस्य का होना अनिवार्य बताया। उनका कहना है कि कलीसिया द्वारा नामांकित सदस्य के न होने के कारण हमारी आवाज़ सुनी नहीं जाती है तथा कभी कभी सरकार द्वारा नियुक्त ख्रीस्तीय सदस्य ख्रीस्तीय समुदाय के विरुद्ध कार्य करता है।







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