2010-08-14 19:38:25

पाकिस्तान में भी ‘माइनियरिटी डे’ के दिन ‘ब्लैक डे’


लाहौर 14 अगस्त, 2010 ( एशियान्यूज़) पाकिस्तान के ईसाइयों ने पाकिस्तान मानवाधिकार ईसाई समिति ‘ह्यूमन राइट्स फोकस पाकिस्तान’ के नेतृत्व में ईसाइयों पर हो रहे अत्याचारों और हिंसा के विरोध में 11 अगस्त को काला दिवस मनाया।
आयोजकों के अध्यक्ष नावीद एशियान्यूज़बताया कि उन्होंने 11 अगस्त को काला दिवस मनाने का निर्णय लिया जो प्रतीकात्मक है। उन्होंने कहा कि 11 अगस्त सन् 1947 को ही पाकिस्तान देश के जनक मुहम्मद अली जिन्नाह ने पाकिस्तान के लिये नव-गठित सभा को अपने ऐतिहासिक भाषण में कहा था कि अंग्रेजों से मुक्त नवस्थापित पाकिस्तान में सभी धर्मों को समानता और स्वतंत्रता का अधिकार होगा।
नावीद ने बताया कि वे चाहते हैं कि पाकिस्तान सरकार ‘बल्साफेमी लॉ’ अर्थात् ‘ईशनिन्दा कानून’ को बदले। इसके तहत् मात्र मौखिक आरोप पर ही पुलिस ईसाइयों को गिरफ्तार कर लेती है और उन्हें प्रताड़नायें देती है।
इस अवसर पर लोगों को संबोधित करते हुए नावीद ने कहा कि पाकिस्तान की चुनाव प्रणाली में सुधार लाया जाना चाहिये ताकि अल्पसंख्यक सीधे रूप से अपने प्रतिनिधियों को क्षेत्रीय और राष्ट्रीय दोनों स्तर पर चुन सके।
पाकिस्तान में मौज़ूद चुनाव प्रणाली में अल्पसंख्यक प्रतिनिधि बड़ी पार्टियों द्वारा चुने जाते हैं जो सीधे रूप से अल्पसंख्यकों का प्रतिनिधित्व नहीं करते हैं।
एशियान्यूज़ ने बताया कि 11 अगस्त को ही पाकिस्तान क्रिश्चियन काँग्रेस के अध्यक्ष नज़ीर एस. भट्टी ने अल्पसंख्यक दिवस भी मनाया। एचआरएफपी के सदस्यों का मानना है कि जब तक ईसाइयों पर अत्याचार और भेदभाव जारी रहता है अल्पसंख्यक दिवस का कोई अर्थ नहीं है।








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