भारत में काथलिक कलीसिया चिकित्सा सेवा उपलब्ध कराने के क्षेत्र में अपनी क्षमता बढ़ाना
चाहती है
भारतीय काथलिक धर्माध्यक्षीय सम्मेलन (सीबीसीआई) के भूतपूर्व अध्यक्ष और रांची के महाधर्माध्यक्ष
कार्डिनल तेलेस्फोर पी टोप्पो ने कहा है कि भारत में काथलिक कलीसिया चिकित्सा सेवा उपलब्ध
कराने के क्षेत्र में अपनी क्षमता और संबंध को बढ़ाना चाहती है। भारत में काथलिकों की
संख्या पूरी आबादी का मात्र 1.3 प्रतिशत है तथापि एक अरब से अधिक लोगों को चिकित्सा सुविधा
उपलब्ध कराने के मामले में सरकार के बाद यह दूसरे नम्बर पर है। कलीसिया द्वारा देश में
संचालित 5450 चिकित्सा सेवा केन्द्र हैं जिनका 85 प्रतिशत ग्रामीण क्षेत्रों में अवस्थित
हैं। अगस्त माह में अमरीका का दौरा कर रहे कार्डिनल टोप्पो नें अमरीकी धर्माध्यक्षीय
सम्मेलन के अधिकारियों तथा चिकिस्सा संबंधी मुददों पर काथलिक रिलिफ सर्विसेस के अधिकारियों
से मुलाकात की। इसके अतिरिक्त वे जोर्जटाउन यूनिवर्सिटी के प्रतिनिधियों से भी मिले जो
भारत में कलीसिया की चिकित्सा सुविधा संरचनाओं का विकास करने के लिए दो दौरे की वार्ता
में शामिल रहे हैं। इसी क्रम में राँची के निकट एक मेडिकल कालेज स्थापित किया जाना है।
कार्डिनल टोप्पो ने कहा कि देश की ग्रामीण आबादी का 80 प्रतिशत कृषि काम करती है। विद्यालय
और अस्पताल सेवा उपलब्ध कराने के अतिरिक्त हमारे दीर्घकालीन लक्ष्य हैं। उन तथ्यों पर
विचार किया जाना है जो काथलिक कलीसिया अगले 15 से 20 वर्षों में स्वास्थ्य सेवा के क्षेत्र
में लोगों को देने जा रही है।