अल्पसंख्यक कल्याण योजना के मद से राज्यों ने 50 फीसदी भी खर्च नहीं किये
नई दिल्ली, 7अगस्त, 2010 (उकान) उड़ीसा को छोड़ कर अन्य किसी भी राज्य ने अल्पसंख्यकों
के विकास के लिये निर्धारित की गयी मदद राशि का 50 प्रतिशत भी खर्च नहीं किया है। उक्त
बात की जानकारी देते हुए उकान समाचार ने बताया कि अल्पसंख्यकों के विकास के लिये प्रधानमंत्री
मनमोहन सिंह ने एक 15 सूत्री कार्यक्रम की कार्ययोजना बनायी है जिसके तहत् देश के 90
जिलों में मुस्लिमों, ईसाइयों, सिक्खों, बौद्धों और पारसियों के लिये विकास योजनायें
चलाने की बात कही गयी हैं। इन 90 जिलों में उत्तरप्रदेश के 21, असम के 13, पश्चिमी
बंगाल के 12 और बिहार के 7 जिले शामिल किये गये हैं। इस संबंध में हिन्दुस्तान टाइम्स
ने बताया है कि पश्चिमी बंगाल ने कुल सहायता राशि का सिर्फ़ 13 प्रतिशत और बिहार ने 12
प्रतिशत खर्च किया है। ग़ौरतलब है कि इन दोनों राज्यों की सरकार ने अपने को अल्पसंख्यक
हितों के समर्थक के रूप में सदा पेश किया है। उकान समाचार ने बताया कि अल्पसंख्यकों
के हितों के लिये केन्द्रीय सरकार के पास 2,53,110 मिलियन रुपये अल्पसंख्यक कोष में निर्धारित
किये गये हैं। एक वर्ष में इसका सिर्फ़ 20 प्रतिशत ही खर्च किया जा सका है। उधर
यह भी समाचार है कि अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री सलमान खुर्शीद ने बिहार के मुख्यमंत्री
नितीश कुमार की प्रस्तावित कार्ययोजना को अस्वीकार कर दिया है क्योंकि इसे योजना के निर्देश
के अनुसार नहीं पाया गया। सलमान खुर्शीद ने इस बात की भी जानकारी दी है कि महाराष्ट्र
और कर्नाटक जैसे राज्यों ने तो अब तक इस बात की रिपोर्ट भी जमा किये है कि उन्होंने इस
मद से राज्य के लिये क्या किये हैं। विदित हो कि प्रधानमंत्री के यह विभाग अल्पसंख्यकों
के स्कूलों, मकानों और अल्पसंख्यकों के हितों के लिये सहायता करता है।