2010-08-06 17:34:29

परमाणु हथियारों से मुक्त विश्व बनाने की अपील


(हिरोशिमा एशिया न्यूज) जापान के हिरोशिमा नगर में 65 वर्ष पूर्व अमरीका द्वारा परमाणु बम गिराये जाने की बरसी पर हिरोशिमा के पीस मेमोरियल स्थल में आयोजित समारोह में पहली बार अमरीकी सरकार का प्रतिनिधि उपस्थित हुआ। परमाणु बम 6 अगस्त 1945 को स्थानीय समयानुसार 8 बजकर 15 मिनट पर गिराया गया था जिसमें एक लाख 40 हजार से अधिक लोगों के प्राण चले गये थे तथा इसके तुरंत बाद ही द्वितीय विश्व युद्ध समाप्त हो गया था।

युद्ध में अमरीका के सहयोगी ब्रिटेन और फ्रांस भी पहली बार पीस मेमोरियल में आयोजित समारोह में शामिल हुए जिसमें 70 से अधिक देशों के प्रतिनिधि भी उपस्थित थे। जापान ही एक मात्र देश है जहाँ परमाणु बम का प्रयोग हुआ है। सन 1945 के 6 अगस्त को हिरोशिमा में तथा 9 अगस्त को नागासाकी में परमाणु बम गिराये गये थे। इसी कारण से जापान विश्व भर में परमाणु निरस्त्रीकरण के लिए आह्वान करता रहा है। जापान के प्रधानमंत्री नाआतो कान ने कहा कि परमाणु हथियार से उत्पन्न होनेवाली पीड़ा और त्रासदी को मानवजाति द्वारा नहीं दुहराया जाना चाहिए। युद्ध के समय परमाणु हथियार का शिकार होनेवाला जापान एकमात्र देश है इसलिए परमाणु हथियार रहित विश्व बनाने के संघर्ष में उसका नैतिक दायित्व है।

जापान में अमरीका के राजदूत जोन रोस ने अमरीकी सरकार का प्रतिनिधित्व किया। उन्होंने एक वक्तव्य जारी कर परमाणु हथियार रहित विश्व बनाने के लिए मिलकर काम करने के महत्व पर जोर दिया। हिरोशिमा के समारोह में अमरीकी राजदूत की उपस्थिति को राष्ट्रपति बराक ओबामा के लिए पथ तैयार करने तथा विश्व से निरस्त्रीकरण करने के उनके कार्यक्रम को फिर से बल देने की दृष्टि से देखा जा रहा है। संयुक्त राष्ट्र संघ के महासचिव बान की मून भी हिरोशिमा में इस वार्षिक समारोह में पहली बार शामिल हुए। उन्होंने कहा कि यह सुनिश्चित करने के लिए कि इन हथियारों का उपयोग फिर कदापि नहीं होगा इसका एकमात्र उपाय इन हथियारों को नष्ट कर देने में ही है। इस प्रकार के शस्त्रों के लिए हमारे संसार में कोई जगह नहीं होनी चाहिए।

हिरोशिमा में आयोजित समारोह में जिस समय बम गिराया गया था ठीक 8 बजकर 15 मिनट पर मौन रखा गया इसके बाद हिरोशिमा के मेयर तदातोशी अकीबा ने भाषण दिया तथा शांति के प्रतीक रूप में एक हजार कबूतरों को छोड़ा गया। उन्होंने कहा कि हम 6 अगस्त को सुदृढ़ता के साथ स्मरण करते हैं कि भविष्य में किसी भी व्यक्ति को इस प्रकार की त्रासदी का सामना नहीं करना पड़े।

हिरोशिमा में ही लगभग 1 लाख 40 हजार लोगों की तत्काल मृत्यु हो गयी थी तथा नागासाकी में प्लूटोनियम बम से 70 हजार से अधिक लोगों की मृत्यु हो गयी थी। जापान में अनेक समूहों ने इन दो परमाणु बमों के लिए अमरीका से क्षमा याचना करने की माँग की है लेकिन अमरीका ने हमेशा दावा किया है कि युद्ध को समाप्त करने के लिए इन दो बमों का उपयोग करना जरूरी था।




























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