चर्च को भी ‘राइट टू इन्फोरमेशन’ नीति के अंतर्गत लाने पर विचार
गोवा, 28 जुलाई, 2010 (उकान) गोवा सरकार चाहती है कि गोवा के चर्च को भी राइट टू इन्फोरमेशन
के अंतर्गत लाये ताकि लोगों का सशक्तिकरण हो सके। चर्च के आरटीआई में आने ले चर्च को
अपने कार्यों और आय-व्यय का लेखा जोखा को सार्वजनिक करना होगा। सरकार के इस आशय की
जानकारी देते हुए स्थानीय समाचार पत्र ‘हिन्दुस्तान टाइम्स’ ने बताया कि भले ही राज्य
सरकार चाहे कि चर्च अपने आय-व्यय को सार्वजनिक करे पर वाटिकन सिटी एक संपूर्ण प्रभुत्व
सम्पन्न राज्य है और राज्य सरकार को इस पर हस्तक्षेत करने की मंशा उचित नहीं होगी। इस
संबंध में सरकार ने कानूनविधों से इस पर अध्ययन करने का प्रस्ताव रखा है और कहा कि वह
15 दिनों के अंदर इसकी रिपोर्ट विधायी पैनल को जमा करे जो इस पर विचार कर रही है। कानून
विभाग ने यह आशंका जतायी चर्च को आरटीआई के अंतर्गत लाना संभव नहीं होगा क्योंकि वाटिकन
एक राष्ट्र है और सतं पापा उसके शीर्ष है और चर्च उसका एक अभिन्न अंग है । अतः किसी राष्ट्र
के अभिन्न अंग को बलपूर्वक उसके कार्यों का लेखा-जोखा माँगने का अधिकार राज्य के दायरे
से बाहर है। विदित हो कि गोवा में करीब एक लाख ख्रीस्तीय है जिसमें अधिकतर काथलिक
है और गोवा की कुल आबादी की 30 प्रतिशत भाग ख्रीस्तीयों की है।