2010-07-23 14:48:53

सागर धर्मप्रांत में बुलाहटों की संख्या में निरंतर वृद्धि


भारत में मध्यप्रदेश राज्य स्थित सागर सीरो मलाबार धर्मप्रांत के धर्माध्यक्ष अंतोनी चिरायथ ने कहा कि प्रताडना और अत्याचार की बढ़ती घटनाओं के बावजूद विगत दशक में उनके धर्मप्रांत में पुरोहिताई के लिए बुलाहटों की संख्या में वृद्धि होती रही है। एड टू द चर्च इन नीड सहायता संगठन को उन्होंने बताया कि 1968 में यहाँ केवल 600 ईसाई तथा तीन पुरोहित थे, अब 35 पुरोहित हैं। उन्होंने कहा कि हिंसा और पारिवारिक परिस्थितियों के सामने कलीसिया की सेवा के लिए युवाओं ने साहसपूर्वक कदम उठाये हैं। धर्माध्यक्ष चिरायथ ने कहा कि ईश्वर ने हमें आशीष दी है कि बहुत बुलाहटें हैं। अनेक बुलाहटें केरल के सीरो मलाबार समुदाय से आते हैं।

धर्माध्यक्ष चिरायथ ने कहा कि परिवार में संध्या वंदना, रोजरी माला प्रार्थना का पाठ करना तथा सामाजिक और धार्मिक गतिविधियों में युवाओं की सहभागिता के कारण बुलाहटों की संख्या बढी है। उन्होंने कहा कि जब चार साल पहले वे धर्माध्यक्ष बने तो धर्मप्रांत में लघु गुरूकुल की कमी थी और विद्याथियों को पल्ली पुरोहित के निर्देशन में ऱखा जाता था। धर्माध्यक्ष निवास से कुछ दूरी पर निर्मित नये संत मरिया लघु गुरूकुल में 15 विद्यार्थियों के रहने की क्षमता है लेकिन इस समय वहाँ 25 उम्मीदवार रह रहे हैं। उन्होंने कहा कि गैर ईसाई वातावरण में येसु की उदघोषणा करना चुनौती है जिसके लिए साहस चाहिए। उन्होंने माईनर सेमिनरी को भावी पुरोहितों के प्रशिक्षण में अपरिहार्य़ तत्व बताते हुए कहा कि संभावित पुरोहित तीन साल के लिए लघु गुरूकुल में प्रवेश करते हैं इसके बाद पड़ोसी धर्मप्रांतो के केन्द्रों में एक साल के लिए गहन आत्मिक प्रशिक्षण प्राप्त करते हैं। तदोपरान्त सेमिनरी में तीन साल व्यतीत करते हैं जहाँ वे हिन्दी, अंग्रेजी और ईशशास्त्र में गहन शिक्षण प्राप्त करते हैं। वे विश्वविद्यालय में प्रवेश करने के लिए भी अध्ययन करते हैं ताकि दर्शनशास्त्र में डिग्री पा सकें। एसीएन सेमिनरी में प्रार्थनालय बनाने के लिए 23 हजार डालर उपलब्ध करा रहा है।








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