महाधर्माध्यक्ष फ्रांसिस असीसी चुल्लीकट की नियुक्ति कलीसिया के बहु राष्ट्रीय चरित्र
का प्रतिबिम्ब
संयुक्त राष्ट्र संघ में वाटिकन के स्थायी पर्यवेक्षक के रूप में महाधर्माध्यक्ष फ्रांसिस
असीसी चुल्लीकट की नियुक्ति पर केरल की कलीसिया ने प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा है
कि यह कलीसिया के बहु राष्ट्रीय चरित्र को प्रतिबिम्बित करती है। केरल में सीरो मलाबार
चर्च के प्रवक्ता फादर पौल थेलाकट ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र संघ में वाटिकन के स्थायी
पर्यवेक्षक के रूप में महाधर्माध्यक्ष फ्रांसिस असीसी चुल्लीकट की नियुक्ति भारत की कलीसिया
के लिए महान पहचान और मान्यता है। संत पापा बेनेडिक्ट 16 वें ने 17 जुलाई को इराक और
जोर्डन के प्रेरितिक राजदूत 57 वर्षीय महाधर्माध्यक्ष चुल्लीकट को संयुक्त राष्ट्र संघ
में वाटिकन का स्थायी पर्यवेक्षक नियुक्त किया था। इस पद पर वे पहले गैर इताली हैं जो
पोलैंड में वाटिकन के राजदूत नियुक्त किये गये महाधर्माध्यक्ष चेलेस्तीनो मिल्योरे के
उत्तराधिकारी हैं। फादर थेलाकट ने कहा कि महाधर्माध्यक्ष चुल्लीकट की नियुक्ति यूरोपीय
वास्तविकता के बदले में सब जातियों, राष्ट्रों और संस्कृतियों को शामिल करने के कलीसिया
के विचार को दर्शाती है। उन्होंने कहा कि हम भारतीयों को गर्व है कि संयुक्त राष्ट्र
संघ में कलीसिया की आवाज में भारतीय रंग और कलेवर शामिल रहेगा। केरल में लातिनी रीति
के वेरापोली महाधर्मप्रांत के महाधर्माध्यक्ष फ्रांसिस असीसी चुल्लीकट 1978 में पुरोहित
अभिषिक्त हुए। उन्होंने कलीसियाई विधान (कैनन ला) में डाक्टरेट की उपाधि प्राप्त की।
वे 1988 में वाटिकन की कूटनैतिक सेवा विभाग में शामिल हुए। वे फ्रेंच, स्पानी, अंग्रेजी
और इताली भाषा जानते हैं। महाधर्माध्यक्ष चुल्लीकट ने होन्डुरास, फिलीपीन्स तथा अफ्रीका
के अनेक देशों में काम करने के साथ ही न्यूयार्क में संयुक्त राष्ट्र संघ में तथा वाटिकन
राज्य सचिवालय में भी अपनी सेवाएँ दी हैं।