पुणे स्थित ज्ञानदीप विद्यापीठ सेमिनरी में पहली महिला प्रोफेसर
भारत के पुणे स्थित ज्ञानदीप विद्यापीठ गुरूकुल के अध्यक्ष फादर जोब कोजहामथाडाम ने असम्पशन
धर्मबहन रेखा चेन्नाटु को प्रोफेसर नियुक्त किये जाने पर कहा कि उनकी उपस्थिति ईशशास्त्र
पढ़ाने के क्षेत्र में महिलाओं के पहलू को लायेगी जिसकी बहुत जरूरत है तथा गुरूकुल छात्रों
को और अधिक जेन्डर सेंसिटिव या लिंग संवेदनशील बनायेगी। भारत की पहली काथलिक महिला पूर्णकालिक
सेमिनरी प्रोफेसर धर्मबहन रेखा चेन्नाटु ने कहा कि उनका काम बाइबिल को नये और सार्थक
रूप में प्रस्तुत करना होगा। वाटिकन की विश्वास एवं आस्था संबंधी परमधर्मपीठीय समिति
की स्वीकृति पर काथलिक शिक्षा संबंधी धर्मसंघ ने गुरूकुल में धर्मशास्त्र पढ़ाने के लिए
धर्मबहन रेखा की प्रोफेसर के रूप में नियुक्ति की पुष्टि जून माह के मध्य में की।
46
वर्षीय धर्मबहन रेखा ने उकान समाचार सेवा से कहा कि वे ख्रीस्त के राजदूतों को तैयार
करने की संभावना से उत्साहित हैं। वे 1996 में ज्ञानदीप विद्यापीठ के धर्मशास्त्र विभाग
में शामिल हुई। उन्होंने रोम स्थित पोंटिफिकल बिबलिकल इंस्टीच्यूट से बाइबिल में लाईसेंसियेट
किया तथा वाशिंगटन डी सी के काथलिक यूनिवर्सिची ओफ अमरीका से बिबलिकल स्टडीज में डाक्टरेट
की उपाधि प्राप्त किया है। कलीसियाई अधिकारियों ने बताया कि ज्ञानदीप विद्यापीठ के धर्मशास्त्र
अध्ययन विभाग की वे प्रथम महिला विभागाध्यक्ष हैं।
धर्मबहन रेखा ने कहा कि उनका
प्रयास है कि शोध, लेखन और शिक्षण के द्वारा बिबलिकल पाठों को नये और अर्थपूर्ण तरीके
से व्यक्त करना है। वे बाइबिल की व्याख्या करने के लिए सामान्य तौर पर शोषितों और वंचितों
तथा महिलाओं के अनुभवों को लागू करने का प्रयास करती हैं। इसके साथ ही ख्रीस्तीय जीवन,
विशेषकर भारतीय कलीसिया के सामाजिक संदर्भ में महिलाओं के जीवन को समझने के लिए सामाजिक
मुद्दों, ईशशास्त्रीय चिंतनों तथा मेषपालीय अंतदृष्टियों का संयोजन करने का प्रयास करती
हैं।