2010-07-20 12:53:08

इस्लामाबादः पाकिस्तानी ख्रीस्तीयों की अदालत के परिसर में हत्या


पाकिस्तान के फैसलाबाद शहर में इस्लाम धर्म के अपमान के आरोपी दो ख्रीस्तीय भाइयों की, सोमवार को अदालती पेशगी के बाद, अदालत के परिसर में गोली मार कर हत्या कर दी गई। भाइयों की हत्या उस समय कर दी गई जब अदालत में पेश होने के उपरान्त उन्हें पुनः कारावास ले जाया जा रहा था। जंजीरों से बँधे रहने के कारण वे हमलावरों के निशाने से नहीं बच पाये।
पाकिस्तान में अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री शाहबाज़ भट्टी ने एसोसियेटेड प्रेस को बताया कि एक माह पूर्व इस्लाम विरोधी पर्चियाँ बाँटने के आरोप में दोनों ख्रीस्तीय भाइयों को गिरफ्तार किया गया था। उन्होंने बताया कि फ़ैसलाबाद के मस्जिदों ने इन दोनों पर आक्रमण का आह्वान किया था।
मुक़दमा दर्ज करवाने वाले व्यक्ति ख़ुर्रम का कहना था कि फैसलाबाद के बस स्टैंड पर हज़रत मुहम्मद के विरुद्ध अपमानजनक पर्चियाँ बाँटी गई जिनपर आरोपियों के नाम और फोन नम्बर लिखे हुए थे। आरोपी भाइयों के परिवार सदस्यों ने उन्हें निर्दोष बताया है। मंत्री शाहबाज़ भट्टी को भी शक है कि व्यक्तिगत रंजिश के कारण ख्रीस्तीय भाइयों पर ग़लत इल्ज़ाम लगाकर उन्हें उत्पीड़ित किया गया।
वरिष्ठ पुलिस अधिकारी राणा अहमद हसन ने पत्रकारों को बताया कि 32 वर्षीय राशिद इमैनुएल और उनके छोटे भाई 24 वर्षीय साजिद इमैनुएल को 12 जुलाई को गिरफ्तार किया गया था। सोमवार को उनकी पेशगी के बाद अदालत परिसर में उनकी हत्या कर दी गई। आक्रमण में एक पुलिस अधिकारी भी घायल हो गया तथा हमलावर भाग निकलने में सफल हो गये।
मानवाधिकारों के पक्ष में काम करने वाली एक ग़ैर-सरकारी संस्था के पदाधिकारी आतिफ़ जमील ने बीबीसी को बताया कि इस घटना के बाद कुछ मुसलमानों ने एक स्थानीय चर्च के बाहर प्रदर्शन और पथराव भी किया था।
ग़ौरतलब है कि सन् 1980 के दशक में राष्ट्रपति ज़िया उल हक द्वारा लागू पाकिस्तान के ईश निन्दा कानून के अनुसार इस्लाम धर्म और पैगंबर मोहम्मद का अपमान करने वाले को मौत की सज़ा दी जाती है। पाकिस्तान के अल्पसंख्यक समुदाय एवं मानवाधिकार संगठन इसे रद्द करने की मांग करते रहे हैं क्योंकि ख्रीस्तीयों एवं अन्य अल्पसंख्यकों को उत्पीड़ित करने के लिये इस कानून का दुरुपयोग होता रहा है।










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