2010-07-19 20:35:30

जलवायु परिवर्तन और सामाजिक विषमताओं की जागरुकता के लिये पर्वत पर शिविर


लाहौर, 19 जुलाई, 2010 (उकान) पाकिस्तान के ‘सोशल ट्रांसफोरमेशन एसोसिएशन फॉर नेटिव कम्युनित एडूकेशन’ ( स्टैन्स) नामक एक दल ने 12 से 14 जुलाई तक कघान घाटी में एक कैम्प का आयोजन किया। इस कैम्प का उद्देश्य था जलवायु परिवर्तन और सामाजिक विषमताओं के बारे में जागरुकता पैदा करना।
उत्तरी-पूर्वी खइबर पखतुंखवा प्रांत के कघान घाटी में आयोजित इस शिविर में 86 ईसाइयों ने भाग लिया। शिविर में भाग लेने वालों में अधिकतर छात्र-छात्रायें थी पर कई शिक्षक और चिकित्सकों ने भी उनका साथ दिया।
पूरे दल ने इस अवसर पर लेक साइफूल मुलुक पर पर्वतारोहन किया। अपने कैंप के दरमियान प्रतिभागियो ने इस क्षेत्र में बिखर प्लासटिक बोतलें और अन्य फेंकी हुई वस्तुओं को जमा किया जो अर्द्ध जमे हुए झील के आस-पास बिखरी हुईं थीं।
‘स्टैन्स’ के संरक्षक सक़ीद ख़ादिम ने बताया कि वे चाहते हैं कि लोगों में इस बात की जागरुकता बढ़ायी जानी चाहिये पर्यावरण को साफ रखना आवश्यक है ताकि पूरे समुदाय का वातावरण ताज़ा रहे। शिविर में भाग ले रहे प्रतिभागियों ने देश में इस बात पर भी विचार विमर्श किये कि किस तरह से युवा विश्व शांति में अपना योगदान दे सकते हैं।
युवाओं ने कहा कि देश में धार्मिक कट्टरवाद असहिष्णुता बाँटनेवाली राजनीति ग़रीबी और आर्थिक मंदी के कारण ही पाकिस्तान में आत्मघाती हमले हो रहे हैं।
उनका विचार है कि सरकार को चाहिये कि वह लोगों को रोज़गार दे सुशासन दे और ऐसे नियमों का हटा दे जो भेदभाव को बढ़ाते हैं।
एक मेडिकल छात्रा ज़ेनिफर बशीर ने कहा कि पाकिस्तान अगर एटोमिक शक्ति सम्पन्न मुसलिम देशों में अगर प्रथम दर्ज़ा भी हासिल कर ले तो इससे क्या लाभ अगर देश में ही लोग एक-दूसरे के साथ मेल-मिलाप के साथ नहीं रह सकते हैं।








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