2010-07-10 12:10:50

हिन्दु गुरू विशवेशा तिर्था स्वामी भी ग्रेगोरी पतराव का समर्थन किया


मंगलोर, 10 जुलाई, 2010 ( उकान)  17 जून से अपनी संपति को लौटाये जाने की माँग पर भूख हड़ताल कर रहे बैठे ग्रेगोरी पातराव के समर्थन में हज़ारों काथलिकों ने  प्रदर्शन किये।
8 जुलाई को हुए इस प्रदर्शन में भाग लेनेवालों में इंडियन कैथोलिक यूथ मूवमेंट कैथोलिक सभा और डैयोसिजन कौंसिल ऑफ कैथोलिक वीमेन  के सदस्यों ने मुख्य रूप से भाग लिया। प्रदर्शन में भाग लेनेवालों ने कहा है कि वे  उनकी लड़ाई जारी रहेगी जबतक पतराव को न्याय नहीं मिल जाता है।
प्रसिद्ध समाज सेवी हिन्दु गुरू विशवेशा तिर्था स्वामी ने भी भूखहड़ताल कर रहे पतराव से मुलाक़ात की और उन्हें अपनी सहानुभूति दिखलायी। उन्होंने कहा कि यह दुर्भाग्य है कि एक किसान को अपनी ज़मीन की रक्षा के लिये इतना संघर्ष करना पड़ रहा है।
विदित हो कि 28 अप्रैल को पतराव के घर को सरकार ने उस समय ढह दिया जब हाई कोर्ट ने उसकी अपील को ख़ारिज़ कर दिया था।
सरकार की योजना के अनुसार ‘कर्नाटका एरियास डेवेलॉपमेन्ट बोर्ड’ ने अपने रिफाइनरी बनाने की योजना का विस्तार करने के निर्णय लिया है और इसी के तहत् पतरावे के मकान को ध्वस्त कर दिया गया।
अपने मकान के ध्वस्त हो जाने के बाद पतराव अपने परिवार तथा अपनी बूढ़ी माँ के साथ एक छोटी-सी झोपड़ी में शरण लिये हुए हैं।
उधर एक धर्मप्रांतीय पुरोहित विलियम मारतिस ने कहा है कि बलपूर्वक किसी की ज़मीन छीनना और उसकी सम्पति का नाश कर देना ‘घोर अन्याय’ है।
उन्होंने कहा कि एक ओर राज्य में बंजर भूमि पड़ी हुई है जिस पर अपनी योजना का विस्तार करने के बदले सरकार ने खेती की उपजाऊ ज़मीन पर कब्ज़ा जमा लिया है। उन्होंने कहा कि उनका संघर्ष जारी रहेगा जब तक कि सरकार कुछ ठोस एवं न्यायपूर्ण निर्णय न ले।







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