2010-07-06 12:38:03

वाटिकन सिटीः वाटिकन उद्यान का नया जलस्रोत सन्त योसफ को समर्पित


सन्त पापा बेनेडिक्ट 16 वें ने सोमवार को वाटिकन उद्यान के नये जलस्रोत का उदघाटन कर यहाँ सन्त योसफ की प्रतिमा प्रतिष्ठापित की।
नये जलस्रोत के इर्द गिर्द छः ताम्बे के फलक लगे हैं जिनपर सन्त योसफ के जीवन की छः प्रमुख घटनाएँ चित्रित की गई हैं।
इस अवसर पर सन्त पापा ने मरियम के वर रूप में सन्त योसफ की भूमिका तथा उक्त छः घटनाओं पर चिन्तन किया। सर्वप्रथम, मरियम के साथ उनके विवाह की महत्वपूर्ण घटना पर उन्होंने ध्यान आकर्षित कराया क्योंकि इसी घटना के बाद, ईश पुत्र येसु को दाऊदवंशी एवं दाऊद के पुत्र का वैधसंगत शीर्षक मिल सका और भविष्यवाणियाँ पूरी हो सकीं।
सन्त पापा ने कहा कि इस प्रकार मरियम एवं योसफ का विवाह एक मानवीय घटना है जो मानवजाति के मुक्ति इतिहास के लिये निर्णायक सिद्ध हुई। उन्होंने कहा कि मरियम का गर्भवती होना योसफ के लिये चुनौतिपूर्ण घटना थी किन्तु ईश्वर में अपने अटल विश्वास के कारण उन्होंने इसे भी स्वीकार किया।
विश्वास का अर्थ स्पष्ट करते हुए सन्त पापा ने कहा, "विश्वास का अर्थ सबकुछ को अपने नज़रिये से देखना नहीं है; इसका अर्थ अपनी योजना के अनुकूल सबकुछ पूरा होते देखना नहीं है; ईश्वर में विश्वास का अर्थ है अपने आप को खाली कर देना तथा पूर्णरूपेण ईश्वर के प्रति समर्पित कर देना क्योंकि जो ईश्वर के लिये अपने को खो देता है वह सन्त योसफ की तरह ही अपनी इच्छा ईश इच्छा के अनुकूल बना लेगा तथा उसे पूरा होते देख सन्तुष्टि का आनन्द प्राप्त करेगा।"
इसके अतिरिक्त सन्त पापा ने सन्त योसफ की मौन आज्ञाकारिता एवं नाज़रेत में बालक येसु के भरण पोषण एवं विकास में उनके महान योगदान पर चिन्तन किया। सभी के लिये सन्त योसफ को आदर्श निरूपित कर सन्त पापा ने उपस्थित भक्त समुदाय से निवेदन किया कि वे सतत प्रार्थना करें ताकि सन्त योसफ के सदृश शांति एवं मुक्ति के हर्षवर्द्धक अस्त्र बन सकें।








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