2010-07-05 19:41:49

अतिव्ययता कम करने के लिये निर्देशिका


तिरुवन्थापुरम, 5 जुलाई, 2010 (उकान) केरल धर्माध्यक्षीय समित (केसीबीसी) ने 12 सूत्री निर्देशिका जारी कर लोगों से कहा है कि व धार्मिक महोत्सवों में पर्यावरण की रक्षा पर ध्यान दें, पलास्टिक और बिजली का कम से कम व्यवहार करें। केसीबीसी के निर्देश पर 4 जुलाई को धर्मप्रांत के सब ही गिरजाघरों में इस निर्देशिका को पढ़कर सुनाया गया।
उक्त बात की जानकारी देते हुए सिरो-मलाबार कलीसिया के प्रवक्ता फादर पौल थेलाकाट ने कहा कि हाल के दिनों पर्व-त्योहारों कम्पनियों द्वारा प्रायोजित समारोह बनने आने लगे हैं और पल्लियों के कार्यक्रम धार्मिक कम और ज़्यादा व्यावसायिक नज़र आते हैं।
धर्माध्यक्षीय समिति के फादर स्तेफन अलाथरा ने कहा कि त्योहार संतों की यादगारी में मनाया जाता है जिन्होंने सादा जीवन जीया इसी लिये धर्माध्यक्षीय समिति ने निर्णय किया है कि लोगों को अतिव्ययता से बचने के लिये आवश्यक निर्देश देने की आवश्यकता थी।
पौल थेलाकाट का मानना है कि आज के त्योहारों में धार्मिकता कम तड़क-भड़क अपनी सीमा पार करती जा रही है इसलिये इसके लिये सीमाये निश्चित करना आवश्यक थी। पर्व-त्योहारों में अति-व्ययता ‘खतरनाक झुकाव’ है।
ज्ञात हो कि केबीसीआई द्वारा बनायी गयी मार्ग-निर्देशिका में यह कहा गया है कि पल्ली-वासी दूसरे धर्मप्रांत के धर्माध्यक्षों को पर्व के लिये आमंत्रित करने के पूर्व धर्माध्यक्षीय समिति से अनुमिति लेनी होगी।
पल्लियों को इस बात को याद दिलाया गया कि वे त्योहार मनाने के संबंध में सरकारी नियमों का भी पालन करें। इसके तहत् उच्च न्यायालय ने उन शोभा यात्राओं और जुलूसों पर प्रतिबंध लगा दिया गया है जिससे यातायात बाधित होता हो।
पर्यावरण समर्थक कार्यकर्त्ताओं ने केसीबीसी के इस निर्देश का स्वागत् किया है और उनका मानना है कि यह उपयुक्त समय पर लिया गया निर्णय है और यह पर्यावरण की रक्षा में सहायक सिद्ध होगी।










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