2010-07-02 18:02:04

धर्माध्यक्ष पादोवेसे की मृत्यु तुर्की में ख्रीस्तीय एकता का आह्वान


(रोम इटली सीएनए) तुर्की में कार्यरत एक मिशनरी पुरोहित ने फीदेस समाचार सेवा को दिये एक इंटरव्यू में कहा कि तुर्की धर्माध्यक्षीय सम्मेलन के अध्यक्ष धर्माध्यक्ष लुईजी पादोवेसे की 3 जून को हुई हत्या देश में कलीसिया तथा ख्रीसतीयों के मध्य एकता के लिए आह्वान है। सुरक्षा कारणों से अपना परिचय गुप्त रखते हुए पुरोहित ने कहा कि धर्माध्यक्ष पादोवेसे के विरूद्ध किया गये अपराध का आह्वान है कि कलीसियाई एकतावर्द्धक भावना को मजबूती प्रदान करते हुए विभिन्न सम्प्रदायों के ईसाईयों के मध्य एकता के लिए अथक रूप से काम किया जाये।
उन्होंने कहा कि जो लोग मुसलिम वातावरण में अपने यथार्थ विश्वास को जीये हैं उसके अनुरूप एक मेषपालीय अभ्यास के नमूने का विकास करने के आह्वान को अनुभव कर रहे हैं। आज तुर्की में इस्लामिक और राष्ट्रवादी ताकतें मिल गयी हैं जो काथलिक चर्च और इसके प्रतिनिधियों के खिलाफ हैं। उन्होंने कहा कि आधिकारिक मान्यता नहीं मिलने के कारण ख्रीस्तीय समुदाय कठिनाईयों का सामना कर रहा है तथा धार्मिक उपासना के सामने अनेक बाधाएँ हैं।
उन्होंने तारसुस स्थित संत पौल चर्च के प्रसंग के बारे में कहा कि इसे तुर्की के अधिकारियों ने संग्रहालय के रूप में परिवर्तित कर दिया है और ईसाई केवल टिकट खरीद कर ही इसमें प्रवेश कर सकते हैं, यहाँ ख्रीस्तयाग केवल तब ही अर्पित किया जा सकता है जब कई दिनों पूर्व तिथि और समय आरक्षित किये गये हैं। पुरोहित महोदय ने कहा कि धर्माध्यक्ष पादोवेसे इस गिरजाघर को ख्रीस्तीय समुदाय के लिए वापस पाने की दिशा में काम कर रहे थे लेकिन यह संभव नहीं हो सका है और अब पता नहीं है कि यह वास्तव में संभव हो सकेगा। उन्होंने कहा कि धर्माध्यक्ष पादोवेसे की हत्या से भय, भ्रम और अनिश्चिय उत्पन्न हो गया है लेकिन हम सर्वशक्तिमान ईश्वर पर अपनी आशा को रखे हैं।







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