कर्नाटक क्षेत्र के कांफ्रेंस औफ रेलिजियस इंडिया ने पर्यावरण शिक्षा पर बल दिया
कर्नाटक क्षेत्र के कांफ्रेंस औफ रेलिजियस इंडिया के नेताओं ने विगत सप्ताह सम्पन्न बैठक
के दौरान अपनी सभी संस्थानों और संस्थाओं में पर्यावरण संबंधी शिक्षा पर बल देने पर जोर
दिया ताकि पर्यावरण की सुरक्षा के बारे में जागरूकता का प्रसार किया जा सके। ऊर्जा संरक्षण
और प्रकृति की सुरक्षा के उपाय विचार विमर्श के प्रमुख बिन्दु थे। हारमनी –सेल्फ, ह्यूमनीटी
एंड नेचर शीर्षक से 24 से 27 जून तक सम्पन्न विचार गोष्ठी में लगभग 80 प्रतिभागी शामिल
हुए। मंगलोर के धर्माध्यक्ष अलोसियस डिसूजा नें कर्नाटक क्षेत्र के धर्मसमाजियों
के 16 वें वार्षिक सम्मेलन के उदघाटन के अवसर पर कहा कि सृष्टि और मानवजाति को आत्म विनाश
से बचाने के लिए कलीसिया की और अधिक जिम्मेदारी है। बैठक को सम्बोधित करनेवाले अन्य वक्ताओं
ने सब प्रेरितिक कार्यों में पर्यावरण के प्रति जागरूकता बढ़ाने के लिए प्रकृति-आध्यात्मिकता
(नेचर स्पिरिचुआलिटी) का विकास करने तथा प्रकृति का आनन्द लेने, इसे बचाने तथा संरक्षित
रखने की जिम्मेदारी लेने की जरूरत पर बल दिया। सम्मेलन ने धरती माता की देखरेख करने
तथा पर्यावरण संरक्षण के प्रति जागरूकता बढ़ाने की दिशा में अपने सब संस्थानों में पर्यावरण
शिक्षा पर जोर देने की आवश्यकता पर विचार विमर्श किया। कहा गया है कि वैकल्पिक ऊर्जा
स्रोतों का उपयोग, प्राकृतिक संसाधनों का संरक्षण तथा जैव उत्पादों की देखरेख करने पर
जोर देने की जरूरत है।