2010-06-29 12:09:30

रोमः सन्त पापा ने "नवीन परमधर्मपीठीय परिषद" की घोषणा की


धर्म के प्रति बढ़ती उदासीनता को दृष्टिगत रख सन्त पापा बेनेडिक्ट 16 वें ने सोमवार को एक "नवीन परमधर्मपीठीय परिषद" की घोषणा की।
मंगलवार को रोम के संरक्षक सन्त पेत्रुस एवं सन्त पौलुस के महापर्व के उपलक्ष्य में सन्त पापा ने 28 जून की सन्ध्या रोम स्थित सन्त पौल महागिरजाघर में सान्ध्य वन्दना का नेतृत्व किया। इस अवसर पर प्रवचन करते हुए उन्होंने उक्त नवीन परिषद के गठन की घोषणा की।
नवीकृत सुसमाचार उदघोषणा को समर्पित उक्त नया परिषद रोमी कार्यालय का 12 वाँ परमधर्मपीठीय परिषद होगा।
नवीन परिषद की घोषणा करते हुए सन्त पापा ने कहा, "तीसरी सहस्राब्दि के मानव के मन में भी यथार्थ एवं पूर्ण जीवन की अभिलाषा है, उसे सत्य, गहरी स्वतंत्रता एवं निःस्वार्थ प्रेम की ज़रूरत है।" उन्होंने कहा, "धर्म के प्रति नित्य उदासीन होते विश्व के उजाड़ प्रदेशों में भी मनुष्य की आत्मा ईश्वर, जीवन्त ईश्वर की प्यासी रहती है।"
सन्त पापा ने कहा, "विश्व के अनेक ऐसे स्थल हैं जहाँ पहली बार सुसमाचार उदघोषणा की आवश्यकता है; अन्य ऐसे हैं जहाँ सुसमाचार पहुँचाया गया है किन्तु और अधिक गहराई तक जाने की ज़रूरत है; अनेक ऐसे भी हैं जहाँ बहुत पहले ही सुसमाचार ने अपनी जड़ें मज़बूत कर ली थीं तथा यथार्थ ख्रीस्तीय परम्परा का सूत्रपात किया था किन्तु धर्म के प्रति विगत शताब्दियों के उपेक्षाभाव ने ख्रीस्तीय विश्वास की भावना तथा कलीसिया के साथ संलग्नता के घोर संकट को उत्पन्न कर दिया है।"
"इस परिप्रेक्ष्य में", सन्त पापा ने कहा, "मैंने इस नवीन परमधर्मपीठीय परिषद की घोषणा की है ताकि उन देशों में सुसमाचारी मूल्यों को सुदृढ़ किया जा सके जहाँ पहले पहल इसके बीज आरोपित किये गये थे।"
सन्त पापा ने नवीन परिषद के अध्यक्ष के नाम की घोषणा नहीं की किन्तु अनुमान लगाया जा रहा है कि रोम के महाधर्माध्यक्ष रीनो फिज़ीकेल्ला इस नवीन परिषद की अध्यक्षता करेंगे।







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