कलीसियाई अधिकारियों ने असीस्टेड रिपरोडकटिव टेकनोलोजीस रेग्यूलेशन बिल 2010 की आलोचना
की
केरल में काथलिक कलीसिया के अधिकारियों ने भारत सरकार के, असीस्टेड रिपरोडकटिव टेकनोलोजीस
रेग्यूलेशन बिल 2010, प्रस्तावित विधेयक की यह कहते हुए आलोचना की है कि इससे परिवार
की बुनियादी परिभाषा ही बदल जाएगी। सीरो मलाबार रोमन काथलिक चर्च ने सरकार से आग्रह
किया है कि शिशु जन्म के लिए सरोगेट मदरहुड संबंधी इस विधेयक को कानून बनाने से परहेज
करे क्योंकि यह ऐसे व्यवहारों और अभ्यासों को बढ़ावा देगा जिससे परिवार व्यवस्था का नाश
हो जाएगा। कलीसियाई प्रवक्ता फादर पौल थेलाकट ने कहा कि पवित्र और स्थायी परिवार
पद्धति के लिए प्राचीन परम्परा रही है लेकिन नवीन तकनीकियों के प्रवेश होने से इसका विनाश
हो जाएगा। नवीन प्रजनन तकनीकियाँ काथलिक कलीसिया की नैतिक शिक्षा के विरूद्ध है। यह विधेयक
बुनियादी तौर पर विवाह और पारिवारिक जीवन की आधारशिला पर ही सवाल उठाता है। सीरो
मालाबार कलीसिया के प्रमुख कार्डिनल मार वर्की वित्याथिल ने कहा कि किराये की कोख या
सरोगसी, शुक्राणु बैंक एवं अंडा दाताओं और बच्चा पाने के लिए प्रजनन चिकित्सा क्लिनीकों
की भूमिका के कारण परिवार की मूल परिभाषा ही बदल जाएगी। प्रत्येक दम्पत्ति के बच्चे होने
या पाने संबंधी अधिकार को जैसा की विधेयक में दिखाया गया है इस धारणा को उन्होंने यह
कहते हुए ज्यादा महत्व नहीं दिया कि बच्चे होने के लिए कोई और कैसा भी संभव तरीका नहीं
अपनाया जा सकता है।