गुजरात 20 जून, 2010 उकान । राष्ट्रीय रोजगार गारंटी योजना के तहत काम करने वाले गरीबों
को मजदूरी नहीं मिलने की शिकायत को लेकर सलेशियन फादर मायंक पारमर ने सरकारी कार्यालय
के समक्ष 14 जून को धरना दिया।
फादर पारमर ने नैशनल रूरल एम्पलोयमेंट गारंटी
ऐक्ट अर्थात् नरेगा के अधिकारियों से माँग की है कि वे 15 दिनों के भीतर मजदूरों को उनकी
मजदूरी का भुगतान कर दें।
एक दिवसीय धरना के बाद फादर ने खेडा जिले के एक
जिलाधिकारी एस. मुरली कृष्णन को ज्ञापन भी सौंपा। उन्होंने उनसे माँग की है कि नरेगा
की नियमावली के अनुसार प्रत्येक मजदूर को प्रत्येक दिन 100 रुपये की मजदूरी दें।
विदित हो कि सलेशियन फादर मायंक पारमर ‘दृष्टि श्रमिक संगठन’ नामक के स्वयंसेवी संघ
के निदेशक हैं। उन्होंने विगत मार्च महीने में नरेगा योजना लागू कराने के पूर्व चार दिवसीय
प्रशिक्षण का आयोजन किया था।
सलेशियन फादर ने उकान समाचार को बताया कि खेड़ा
जिले के कपादवाणी थाना क्षेत्र के 11 गाँव के करीब चार सौ से भी ज़्यादा नरेगा मजजूरों
को उनकी मजदूरी नहीं दी गयी है।
जिलाधिकारी कृष्णन ने बताया कि उन्होंने
स्थानीय अधिकारियों को निर्देश दे दिये ताकि वे मजदूरों को उनकी मजदूरी का भुगतान शीघ्र
कर दें।