आध्यात्मिक जीवन को सुदृढ़ करें और ईश्वर से संयुक्त होकर बितायें - पोप
वाटिकन सिटी, 20 जून, 2010 (ज़ेनित) संत पापा बेनेदिक्त सोलहवें ने कहा कि पुरोहितों
को चाहिये कि वे अपने आध्यात्मिक जीवन को सुदृढ़ करें और अपना जीवन ईश्वर से संयुक्त
होकर बितायें।
संत पापा ने उक्त बातें उस समय कहीं जब उन्होंने 20 जून रविवार
को संत पेत्रुस महागिरजाघर में 14 डीकनों के अभिषेक के लिये आयोजित यूखरिस्तीय समारोह
में प्रवचन दे रहे थे।
उन्होंने येसु के चेलों का उदाहरण देते हुए कहा कि उनके
लिये ईश्वर ने जीवन के रहस्यों को प्रकट किया क्योंकि वे येसु के साथ प्रार्थना में
एक हो गये थे।
उन्होंने कहा कि अगर व्यक्ति ईश्वर से प्रार्थना में एक हो जाता
है तो उस ईश्वरीय ज्ञान को प्राप्त करता है जिसके द्वारा सत्य को पहचानता है और वह पूर्ण
रूप से ईश्वर से एक हो जाता है।
संत पापा ने डीकनों से कहा कि एक पुरोहित को
ईश्वर अपने पास इसलिये बुलाते हैं ताकि वे हर परिस्थिति में येसु के चेहरे की तलाश करते
रहें। येसु के चेहरे की तलाश ही उनके जीवन का वास्तविक मिशन है।
संत पापा ने
कहा कि आप जहाँ भी रहें, जो भी करें - सदा येसु के साथ और येसु के नाम पर ही किया करें।
संत पापा न कहा कि पौरोहित्य जीवन का सार है येसु की इच्छा पूरी करने के लिये ‘हाँ’ कहना।
येसु की इच्छा के अनुसार चलने के लिये आवश्यक है कि हम रोज दिन अपने कार्यों
में ईश्वर की इच्छा खोजें अपने को उसके लिये समर्पित कर दें और पूर्ण रूप से उसके साथ
एक हो जायें।अगर हम ऐसा कर पातें हैं तो हम अपने-आपको ठीक से समझ पायेंगे और मिशन को
बखूबी निभा पायेंगे।