छटवें परिच्छेद लागू कराने के लिये आदिवासी छात्रों के चक्का जाम के दो महीने
नयी दिल्ली, 18 जून, 2010 (एशियान्यूज़) नागालैंड के आदिवासी छात्रों ने विगत दो महीनों
से मनीपूर से नागालैंड जाने वाली मुख्य सड़क संख्या 39 में वाहनों का आना जाना ठप्प करा
दिया है। राज्य सरकार ने स्थानीय प्रशासन को निर्देश दिये हैं कि आदिवासी छात्र नेताओं
की गिरफ्तारी करे। छात्रों ने सरकार के इस निर्देश का विरोध किया है और कहा है सरकार
समस्या का सौहार्दपूर्ण समाधान खोजने के बदले उनके जायज़ माँगों को आपराधिक मामलों से
जोड़ने का प्रयास कर रही है। छात्रों ने चक्का जाम का निर्णय उस समय लिया जब सरकार
ने ‘ओटोनोमस डिस्ट्रिक्ट कौंसिल’ का प्रस्ताव रखा। नागाओं ने सरकार से माँग कि संविधान
के छटवें परिच्छेद के आधार पर ही चुनाव हो। उधर राज्य सरकार ने ने ‘हिल एरिया ऐक्ट’ के
तहत् ही चुनाव कराना चाहती है। नागा महसूस करते हैं कि इससे उनके ज़मीन संबंधी अधिकारों
का हनन होना ज़ारी रहेगा। नागा छात्रों ने नारा दिया है ‘नो सिक्स्थ सेड्यूल नो एलेक्शन’।
आदिवासी मामलों पर लगातार अपने प्रखर विचार व्यक्त करने वाले बुद्धिजीवी जेस्विट
फादर वाल्टर फरनान्डेज़ ने कहा है कि यह उचित समय है जब सरकार समस्या का समाधान करे।
इसके लिये छटवें परिच्छेद के आधार पर आदिवासियों की ज़मीन की रक्षा करे साथ ही अन्य समुदायों
के हितों की भी रक्षा करे।