दीर्घकालीन शांति का प्रसार करने के लिए संवाद और सामाजिक न्याय की जरूरत
प्रवासियों और यायावरों की प्रेरिताई संबंधी परमधर्मपीठीय समिति के सचिव कार्डिनल मारकेतो
ने कांफ्रेस औफ यूरोपीयन यूनिवर्सिटी चैपलिन्स द्वारा इंगलैंड के कोवेंटरी में 2010 कांफ्रेस
ओन पीस रिकनसिलियेसन एंड सोशल जस्टिस शीर्षक से आयोजित 5 दिवसीय सम्मेलन को सम्बोधित
करते हुए कहा है कि दीर्घकालीन शांति के लिए संवाद और सामाजिक न्याय का प्रसार करने
की जरूरत है। उन्होंने चुने गये शीर्षक के महत्व तथा शिक्षा के संदर्भ में विशेष रूप
से विश्वविद्यालय में इसे लागू किये जाने पर प्रकाश डालते हुए कहा कि युवाओं के मन और
दिल का बौद्धिक, आध्यात्मिक और मानवीय प्रशिक्षण बेहतर विश्व बनाने के लिए बहुत जरूरी
है। कलीसिया ने सतत इस विचार को माना है कि सामाजिक न्याय और मेलमिलाप के द्वारा शांति
की स्थापना संभव है।
कार्डिनल महोदय ने कलीसियाई दस्तावेज गोदियुम एट स्पेस के
एक अवतरण को उद्धृत करते हुए कहा कि मानवजाति हर व्यक्ति के लिए यथार्थ मानवीय विश्व
की रचना करने में सफल नहीं होगी यदि सब लोग आत्मिक स्तर पर नवीकृत नहीं हों और शांति
के सत्य के लिए मनपरिवर्तन नहीं करें। उन्होंने संत पापा बेनेडिक्ट 16 वें के शब्दों
को उद्धृत करते हुए कहा कि शांति हर मानव के दिल में विद्यमान प्यास है जो किसी सांस्कृतिक
पहचान से परे है। शांति की सच्चाई हर एक जन का आह्वान करती है कि वह ईमानदार और उत्पादक
संबंध का विकास करे। यह उन्हें क्षमा और मेलमिलाप के पथ पर चलने के लिए प्रोत्साहन देती
है।