गुरूकुल विद्यार्थियों को अंतर धार्मिक वार्ताओं और जन अभियानों में शामिल होने के लिए
प्रोत्साहन
भारत के उड़ीसा राज्य में 2007 और 2008 में हुई ईसाई विरोधी हिंसा के कारण गुरूकुल
छात्रों को लोगों के साथ निकट सम्पर्क बनाये रखने तथा अंतर धार्मिक वार्ताओं और जन अभियानों
में शामिल होने के लिए प्रोत्साहन दिया जा रहा है। उडी़सा का झारसुगड़ा क्षेत्र आदिवासी
बहुल है। दिव्य शब्द संघ धर्मसमाज के पुरोहित फादर जोसेफ तोपनो ने कहा कि दो बार हुई
ईसाई विरोधी की गतिविधियों के कारण भावी पुरोहितों और धर्मबहनों के प्रशिक्षण से जुड़े
अधिकारियों ने आत्मनिरीक्षण किया। सन 2007 में ख्रीस्त जयंतीकाल में तथा अगस्त 2008 में
उड़ीसा के कंधमाल में हुई ईसाई विरोधी हिंसा के कारण 95 लोग मारे गये थे तथा 7 हजार घरों
और 350 गिरजाघरों को नष्ट कर दिया गया था। फादर तोपनो ने ऊकान समाचार सेवा से कहा कि
इन हमलों ने सम्पूर्ण कलीसिया को शोकित कर दिया। हिंसा के बाद उनके धर्मसंघ ने अपने प्रशिक्षण
संस्थानों को लोगों के साथ निकट सम्पर्क बनाने पर बल दिया। हिंसा के परिणाम स्वरूप पुरोहितों
और धर्मबहनों की तैयारी और प्रशिक्षण पर विचार विमर्श किया जाने लगा कि संकट के समय में
क्या वे समुदाय का नेतृत्व करने के लिए तैयार हैं। फादर तोपनो ने कहा कि उनका धर्मसमाज
विद्यार्थियों को पड़ोसियों के साथ, विशेषकर संकट और संघर्ष के समय लोगों के समीप रहने
के लिए प्रोत्साहित करता है। पुरोहितों और धर्मबहनों को समुदाय की सेवा के लिए उपलब्ध
रहना है।