2010-06-16 12:36:37

जिनिवाः किर्गिस्तान में हिंसा जाबूझकर भड़काई गई, संयुक्त राष्ट्र संघ


जिनिवा स्थित मानवाधिकार सम्बन्धी संयुक्त राष्ट्र संघीय समिति के अनुसार किर्गिस्तान की हिंसा जानबूझकर भड़काई गई थी।
मानवाधिकार सम्बन्धी संयुक्त राष्ट्र संघीय उच्चायुक्त की अध्यक्षा नवी पिल्ले के प्रवक्ता रूपर्ट कोलविले ने कहा कि उनके कार्यालय ने कुछ लोगों का आँखों देखा बयाँ एकत्र किया है जिसके अनुसार किर्गिस्तान के ओश तथा जलालाबाद में हिंसा एक साथ पाँच हमलों से शुरु हुई थी। प्रवक्ता ने कहा कि ऐसे संकेत मिले हैं कि हिंसक घटनाएँ जातिगत संघर्ष नहीं था बल्कि यह जानबूझकर भड़काई गई तथा पूर्व नियोजित थीं।
इस बीच संयुक्त राष्ट्र संघ की शरणार्थी संस्था का कहना है कि किर्गिस्तान में हिंसा के बाद से लगभग तीन लाख लोग विस्थापित हो गये हैं जिनमें दो लाख लोग किर्गिस्तान के भीतर विस्थापित हुए हैं जबकि 75 हज़ार से अधिक लोगों ने सीमा पार कर उज़्बेकिस्तान पलायन कर लिया है।
किर्गिस्तान सरकार ने दक्षिणी किर्गिस्तान में भड़की हिंसा के लिए अप्रैल माह में अपदस्थ पूर्व राष्ट्रपति कुर्मानबेक बाकियेव के बेटे मैक्सिम बाकियेव को ज़िम्मेदार ठहराया है। बताया जाता है कि मैक्सिम बाकियेव एक निजी विमान द्वारा ब्रिटेन चले गए हैं जहाँ वे शरण लेने का प्रयास कर रहे हैं।
बाकियेव परिवार ने हिंसा में किसी तरह का हाथ होने से इनकार किया है किन्तु किर्गिस्तान की सरकार ने आधिकारिक तौर पर ब्रिटेन से मांग की है कि मैक्सिम को उनके सिपुर्द कर दिया जाये।
मैक्सिम के पिता कुर्मानबेक बाकियेव को अप्रैल में एक जनविद्रोह के बाद अपदस्थ कर दिया गया था। उनकी सरकार में उनके बेटे मैक्सिम बाकियेव निवेश और आर्थिक विकास मामलों के प्रभारी थे जबकि उनके कई रिश्तेदार अन्य उच्च पदों पर थे। किर्गिस्तान की नई सरकार ने पूर्व राष्ट्रपति पर साढ़े तीन करोड़ अमरीकी डॉलरों के ग़बन करने का आरोप भी लगाया है।








All the contents on this site are copyrighted ©.