2010-06-15 12:39:50

वाटिकन सिटीः परमधर्मपीठीय प्रतिनिधित्व का महत्व


वाटिकन में सोमवार को सन्त पापा बेनेडिक्ट 16 वें ने पोनटिफिकल एकलेज़िएसटीकल अकादमी के चालीस सदस्यों को सम्बोधित कर उन्हें परमधर्मपीठीय प्रतिनिधित्व का महत्व समझाया।
पोनटिफिकल एकलेज़िएसटीकल अकादमी वाटिकन के कूटनैतिक मिशन के लिये प्रशिक्षण प्रदान करती है।
सन्त पापा ने अकादमी के सदस्यों से कहा कि परमधर्मपीठीय प्रतिनिधियों के मिशन का अर्थ है रोमी काथलिक कलीसिया के परमाध्यक्ष की प्रेरिताई में सहयोग करना। उन्होंने कहा कि इस मिशन को पूरा करने के लिये अपने पुरोहिताई जीवन के कुछ आयामों को पोषित करने की आवश्यकता है। सर्वप्रथम, सन्त पापा ने कहा, "सन्त पापा एवं उनकी विश्वव्यापी प्रेरिताई के प्रति आन्तरिक निष्ठा को पोषित करना अनिवार्य है अर्थात् उस व्यक्ति के प्रति निष्ठा जिसे भाइयों के विश्वास को सुदृढ़ करने का कार्य सौंपा गया है। द्वितीय, इसमें कलीसियाई सहभागिता के प्रति यथार्थ तृष्णा एवं चेतना की आवश्यकता है।"
परमधर्मपीठीय कूटनैतिक मिशनों में सेवारत पुरोहितों को सन्त पापा ने परामर्श दिया कि वे अपने कार्य को केवल दफ़तरशाही न मानें अपितु विश्व की स्थानीय कलीसियाओं एवं विश्वव्यापी सार्वभौमिक काथलिक कलीसिया के मध्य सेतु बनें। उन्होंने कहा कि प्रेरितिक एवं परमधर्मपीठीय प्रतिनिधियों एवं राजदूतों का कार्य स्थानीय कलीसियाओं की सामाजिक स्थिति से कलीसिया के परमाध्यक्ष को अवगत कराना तथा परमधर्मपीठ द्वारा जारी निर्देशिकाओं का प्रसार स्थानीय कलीसियाओं तक करना है।








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