2010-06-14 12:52:53

बिशकेकः किरगिज़ और उज़बेकों के बीच हिंसा में कम से कम 100 की मौत


मध्य एशियाई देश किर्गिस्तान में किरगिज़ एवं उज़बेक जाति के लोगों के बीच ओश शहर में आरम्भ हिंसा में अब तक कम से कम एक सौ व्यक्ति मारे गये हैं तथा लगभग 650 घायल हो गये हैं।
पुलिस के अनुसार मरनेवालों की अनवरत बढ़ती संख्या का कारण देश के अन्य भागों से किरगिज़ पुरुषों का ओश शहर पहुँचना है जो हथियारों से लैस हैं तथा जिन्होंने उज़बेग बस्तियों पर हमला कर दिया है। हिंसा के भय से ओश एवं निकटवर्ती क्षेत्रों से हज़ारों लोगों ने उज़बेकिस्तान की सीमा की ओर पलायन कर लिया है।
इस बीच, शनिवार को किरगिज़स्तान की अन्तरिम सरकार ने जातिगत हिंसा को रोकने के लिये रूस से सेना भेजने का निवेदन किया था। इसके प्रत्युत्तर में मध्य एशियाई देश किर्गिस्तान में रुसी सेना के तीन सौ से अधिक सैनिक पहुँच गये हैं किन्तु पर्यवेक्षकों का कहना है कि रूसी सेना राजधानी बिशकेक के आस पास अपने ठिकानों की रक्षा कर रही है तथा किर्गिस्तान में शांति बहाल करना उसका मकसद नहीं दिखता।
किर्गिस्तान के ओश एवं जलालाबाद नगरों में भड़की हिंसा के असली कारण का पता नहीं लग पाया है किन्तु यह सम्भावना व्यक्त की गई है कि उज़बेकों द्वारा समर्थित पूर्व राष्ट्रपति कुरमानबेक बाकियेव को सत्ता से हटाया जाना इसका कारण है। 15 अप्रैल को राष्ट्रपति बाकियेव को अपदस्थ कर दिया गया था। बाकियेव ने इस हिंसा में किसी तरह का हाथ होने से इनकार किया है।
किर्गिस्तान की कार्यवाहक राष्ट्रपति रोज़ा ओटुनबायेवा का कहना है कि इन दिनों की नस्ली हिंसा के लिए वे शक्तियां ज़िम्मेदार हैं जो किर्गिस्तान में अस्थिरता पैदा करना चाहती तथा 27 जून के लिये निर्धारित जनमत संग्रह में रुकावट पैदा करना चाहती हैं।








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