पुरोहित वर्ष के समापन पर 9 से 11 जून तक रोम में आयोजित समारोहों में शामिल होने के
लिए विश्व भर से आये 15 हजार पुरोहितों के लिए यह कृपा का अवसर था। वर्तमान में विश्व
में लगभग 4 लाख 9 हजार पुरोहित हैं। नाईजीरिया के अबुजा से आये फादर पैट्रिक अरोवेले
ने कहा कि यह उनके लिए महत्वपूर्ण अवसर था क्योंकि 40 वर्ष बाद रोम वापस आने का अच्छा
मौका मिला। स्विटजरलैंड के लेंजबुर्ग से आये 43 वर्षीय पुरोहित रोलंड हाफलिगर ने कहा
कि पुरोहित होने का सबसे श्रेष्ठ भाग है लोगों की सेवा करना। उन्होंने कहा कि वे सब पुरोहितों
के समुदाय के अंग होने के अनुभव को महसूस करना चाहते थे। स्विटजरलैंड में बहुत कम पुरोहित
हैं इसलिए यहाँ आकर महसूस करना कि हम अकेले नहीं है, उन्हें अच्छा लगा। 11 जून को ही
अपनी पुरोहिताई की 15 वीं वर्षगाँठ पर संत पेत्रुस महागिरजाघर के प्रांगण में संत पापा
के साथ ख्रीस्तयाग अर्पित किया। उन्होंने कहा कि यद्यपि यह सिल्वर जुबिली नहीं था लेकिन
अपने पुरोहित अभिषेक की बर्षगाँठ पर संत पापा के द्वारा अर्पित ख्रीस्तयाग में शामिल
होना महान गौरव की बात है।