संत पापा ने मध्यपूर्व के धर्माध्यक्षों की धर्मसभा की तैयारी के लिए निर्देशिका सौंपा
मध्यपूर्व के धर्माध्यक्षों की धर्मसभा रोम में अक्तूबर माह में सम्पन्न होगी। इसकी तैयारी
के लिए बनायी गयी तैयारी निर्देशिका की प्रति संत पापा ने 6 जून को धर्माध्यक्षों को
सौंपा। उन्होंने कहा कि यह उचित है कि स्वर्गीय धर्माध्यक्ष लुईजी पदोवेसे का स्मरण करें
जो तुर्की काथलिक धर्माध्यक्षों के अध्यक्ष थे और धर्मसभा की तैयारी हेतु निर्देशिका
तैयार करने में बहुत योगदान दिया था। उनकी अनापेक्षित और दुःखद मृत्यु ने हम सबको आश्चर्यचकित
और मर्माहत कर दिया।
संत पापा ने कहा कि वे उनकी आत्मा को सर्वशक्तिमान ईश्वर
की दया के सिपुर्द करते हैं। वे धर्माध्यक्ष के रूप में अंतरधार्मिक और सांस्कृतिक समझदारी
तथा विभिन्न कलीसियाओं के मध्य संवाद के लिए समर्पित रहे थे। उनकी मृत्यु सब ईसाईयों
को अपनी बुलाहट का स्मरण कराता है कि जो अच्छा, भव्य और वैध है उसकी हर परिस्थिति में
साहसपूर्वक साक्षी दें।
संत पापा ने कहा उनकी प्रार्थना है कि विशेष धर्मसभा
के काम अपने विश्वास के कारण पीड़ा सहते मध्यपूर्व के ईसाईयों की तकलीफो की ओर अंतरराष्ट्रीय
समुदाय के ध्यान को केन्द्रित करने में तथा संघर्षों का वैध और दीर्घकालीन समाधान पानें
में सहायता करेंगे।
संत पापा ने कहा कि इस गंभीर विषय पर वे मध्यपूर्व में जारी
तनावों को दूर करने के लिए आकस्मिक और समन्वित अंतरराष्ट्रीय प्रयास करने की पुनः अपील
करते हैं,विशेष रूप से पवित्र भूमि में ताकि इन संघर्षों का परिणाम और अधिक रक्तपात न
हो।
धर्मसभा की तैयारी मार्गदर्शिका में मध्यपूर्व में कलीसिया द्वारा सामना
की जा रही अनेक समस्याओं का उल्लेख किया गया है- क्षेत्र में सशस्त्र राजनैतिक इस्लाम
के विकास, येसु की जन्मभूमि से ईसाईयों के पलायन करने, फिलिस्तीनी क्षेत्रों पर इस्राएली
कब्जा, क्षेत्र विशेष पवित्र भूमि् और इराक में जारी सतत हिंसा।
संत पापा ने साइप्रस
में रह रहे श्रीलंका, फिलीपीन्स. और अन्य देशों के प्रवासियों का अभिवादन किया। धर्मसभा
की तैयारी निर्देशिका में इन प्रवासी समुदायों की बढ़ती भूमिका का वर्णन किया गया है
जो मध्य पूर्व में कलीसिया को मजबूती प्रदान कर रहे हैं।