2010-06-06 17:20:02

संत पापा द्वारा देवदूत संदेश प्रार्थना का पाठ करने से पूर्व दिया गया संदेश


निकोसिया के एल्फतेरिया खेल स्टेडियम में रविवार 6 जून को आयोजित ख्रीस्तयाग समारोह के अंत में संत पापा बेनेडिक्ट 16 वें ने मध्याहन देवदूत संदेश प्रार्थना का पाठ करने से पूर्व दिये गये संदेश में कहा-

अतिप्रिय भाईयो और बहनो


मध्याह्न काल में कलीसिया की परम्परा है कि हम धन्य कुँवारी माता मरियम को ओर प्रार्थना में उन्मुख हो, उनके द्वारा ईश्वर की माँ बनने के लिए प्रभु द्वारा दिये गये निमंत्रण को तत्परतापूर्वक स्वीकार करने का हम सहर्ष स्मरण करते हैं। यह ऐसा निमंत्रण था जिसने उनमें विह्वलता भर दिया जिसे वे शायद ही समझ सकती थीं। यह वह चिह्न था कि ईश्वर ने अपनी विनम्र दासी को चुना है, ताकि वह उनके साथ मुक्तिदायी काम में सहयोग करे। हम उनके जवाब की उदारता पर आनन्द मनाते हैं। उनके हाँ कहने के द्वारा युगों की आशा सच्चाई बन गयी, वह जिसकी इस्राएल ने दीर्घकाल से प्रतीक्षा की थी वह इस संसार में, हमारे इतिहास में आये। उनके बारे में दूत ने प्रतिज्ञा की कि उनके राज्य का अंत नहीं होगा।
लगभग तीस वर्षों बाद मरियम क्रूस के नीचे खडी रो रही थी, आशा को जीवित रखना कठिन था। ऐसा प्रतीत हो रहा था कि अँधेरे की शक्तियों का पलड़ा भारी था तथापि अपने अंतरमन में मरियम ने दूत के संदेश का स्मरण किया होगा। पवित्र शनिवार की भावशुष्कता के मध्य आशा की सुनिश्चितता ने उन्हें पास्का के आनन्द की ओर बढ़ाया। हम उनकी संतान इसी दृढ़ आशा में जीते हैं कि मरियम के गर्भ में शरीर धारणकरनेवाला वचन हमें कदापि नहीं छोड़ेंगा। वह, ईश पुत्र, मरियम का बेटा उस सामुदायिकता को मजबूत करते हैं जो हमें एक साथ बांधती है ताकि उनका और उनकी मेल मिलाप और चंगाई प्रदान करनेवाले प्रेम की हम साक्षी दें।
हम मरियम से सबके लिए, साइप्रस के लोगों के लिए, मध्यपूर्व की कलीसिया के लिए ख्रीस्त, शांति के राजकुमार के पास मध्स्थता करने की याचना करें।


अंत में संत पापा ने सबको अपना प्रेरितिक आशीर्वाद प्रदान किया।








All the contents on this site are copyrighted ©.