निकोसिया, साईप्रसः बेनेडिक्ट 16 वें ने मध्यपूर्व के ख्रीस्तीयों को समर्थन देने का
आह्वान किया
साईप्रस में अपनी प्रेरितिक यात्रा के दौरान सन्त पापा बेनेडिक्ट 16 वें ने मध्यपूर्व
के ख्रीस्तीय धर्मानुयायियों को क्षेत्र में शांति हेतु सजीव शक्ति निरूपित कर उन्हें
समर्थन देने की विश्व से अपील की। दशकों से युद्धों एवं तनावों से घिरे मध्यपूर्व
के लिये, आगामी अक्तूबर माह में, रोम में होनेवाली धर्माध्यक्षीय धर्मसभा का कार्यकारी
दस्तावेज़ प्रकाशित करना सन्त पापा की तीन दिवसीय साईप्रस यात्रा का प्रमुख उद्देश्य
था। रविवार को ख्रीस्तयाग के दौरान सन्त पापा बेनेडिक्ट 16 वें ने यह दस्तावेज़ धर्माध्यक्षों
के हवाले किया ताकि वे उचित रीति से धर्माध्यक्षीय धर्मसभा की तैयारी कर सकें। सन्त पापा
से इस दस्तावेज़ को ग्रहण करने के लिये मध्यपूर्व के अनेक धर्माध्यक्ष रविवार को निकोसिया
के एल्फतेरिया खेल स्टेडियम में आयोजित ख्रीस्तयाग समारोह में शरीक हुए। ग़ौरतलब
है युद्ध एवं कठिन आर्थिक परिस्थितियों ने मध्यपूर्व के अनेक देशों से ख्रीस्तीय धर्मानुयायियों
के पलायन को प्रोत्साहित किया है। इसराएल एवं गज़ा की पवित्रभूमि, ईराक, लेबनान तथा अन्य
अनेक देशों से ख्रीस्तीयों ने पलायन कर जॉर्डन, सिरिया तथा यूरोपीय देशों की शरण ली है।
इनमें सैकड़ों काथलिक पुरोहित भी शामिल हैं। इस सन्दर्भ में सन्त पापा ने शनिवार को कहा
था कि युद्ध एवं तनावों के कारण परिवार अपने देश का परित्याग कर देते हैं और इनके साथ
साथ पुरोहित भी इस प्रलोभन में पड़ सकते हैं। ऑरथॉडोक्स महाधर्माध्यक्ष क्रिज़ोस्तोमोस
से मुलाकात के अवसर पर सन्त पापा ने कहा कि मध्यपूर्व में अनवरत जारी झगड़े सभी ख्रीस्तानुयायियों
के लिये चिन्ता का कारण हैं। उन्होंने कहा, "त्रस्त क्षेत्र के ख्रीस्तीयों को हर सम्भव
समर्थन प्रदान करने की आवश्यकता के प्रति कोई भी उदासीन नहीं रह सकता ताकि उसके प्राचीन
गिरजाघर शांति में जीवन यापन कर फल फूल सकें।"