उड़ीसा के कंधमाल जिले में कटक भुवनेश्वर महाधर्मप्रांत के सामाजिक सेवा कार्य़क्रमों
के निदेशक फादर अजय सिंह ने कहा है कि उडीसा में ईसाई विरोधी हिंसा का जवाब देने के लिए
कलीसिया का प्रत्युत्तर अपर्याप्त था। व्यापक स्तर पर हुई साम्प्रदायिक हिंसा और हत्या
की घटनाओं ने कलीसियाई संगठनों और समूहों को चुनौतीपूर्ण स्थितियों का सामना करने के
लिए उनकी अपनी क्षमताओं की जाँच करने का स्वर्णिम अवसर दिया। फादर सिंह ने ऊकान समाचार
सेवा से कहा कि फंड की कमी, संकट के प्रति असंवेदनशीलता तथा संयोजन की कमी ने समस्याओं
की गंभीरता को बढ़ा दिया। भारत की कलीसिया ने इतने व्यापक स्तर की समस्या का कभी सामना
नहीं किया था लेकिन भविष्य में इस प्रकार की समस्याओं का सामना करने के लिए वह अबतक कोई
पद्धति का विकास नहीं कर सकी है। सन 2008 में कंधमाल ईसाई विरोधी हिंसा का केन्द्र बिन्दु
रहा था जिसमें लगभग 90 लोग मारे गये और लगभग 50 हजार लोग विस्थापित हो गये थे। फादर अजय
सिंह ने कहा कि वे कंधमाल के विस्थापित ईसाईयों के लिए घर बनाने में मदद करने के लिए
फंड जमा कर रहे हैं। हिन्दु चरमपंथी कंधमाल को धार्मिक अल्पसंख्यकों के विरूद्ध नफरत
की प्रयोगशाला बनाने में सफल रहे लेकिन ख्रीस्तीयों को इसे उदारता और सेवा की प्रयोगशाला
बनाना चाहिए।