भारतः वॉरसो फिल्मोत्सव में केरल की धर्मबहनें पुरस्कृत
केरल स्थित कारमेल माँ नामक धर्मसंघ की धर्मबहनों ने जीवन का अर्थ खोजनेवाली सात धर्मबहनों
एवं एक तलाक शुदा महिला की कहानी को फिल्म द्वारा प्रस्तुत कर एक महत्वपूर्ण पुरस्कार
जीत लिया है। पोलैण्ड के नीपोकालानोव नगर में 27 से 30 मई तक 25 वाँ अन्तरराष्ट्रीय
काथलिक फिल्मोत्सव मनाया गया। इस दौरान धर्मबहनों को, मलयालम भाषा में निर्मित 56 मिनटोंवाली
टेलेफिल्म के लिये प्रथम पुरस्कार से नवाज़ा गया। फिल्म भावनात्मक लगाव, ऊब, रूढ़िवाद,
पूर्वाग्रह, काम की अति, इच्छाएँ और भय जैसे विषयों पर चिन्तन करती है। विगत कुछ
समय से धर्मबहनों के बारे में मिथ्याप्रचार की पृष्टभूमि में केरल की धर्मबहनों ने उक्त
फिल्म निर्माण का निर्णय लिया था। फिल्म एक गाँव में सेवारत सात धर्मबहनों तथा एक तलाक
शुदा महिला से उनके साक्षात्कार की कहानी है। अपने कार्यों में व्यस्त ये धर्मबहनें जीवन
का अर्थ खोजती हैं तथा ईश्वर में विश्वास के कारण अपने मिशन के लिये नवप्रेरणा प्राप्त
करती हैं। पोलैण्ड में आयोजित उक्त फिल्मोत्सव में विश्व के 20 देशों से 172 फिल्मों
एवं 40 रेडियों कार्यक्रमों का प्रदर्शन एवं श्रवण किया गया था।