प्रवासियों की मेषपालीय प्रेरिताई संबंधी परमधर्मपीठीय समिति की पूर्णकालिक सभा के प्रतिभागियों
के लिए संत पापा का संदेश
संत पापा बेनेडिक्ट 16 वें ने प्रवासियों और यायावरों की मेषपालीय प्रेरिताई संबंधी परमधर्मपीठीय
समिति की पूर्णकालिक सभा के प्रतिभागियों को शुक्रवार को संबोधित किया। उन्होंने कहा
कि प्रवासियों को अधिकार मिलना तथा उनका कर्तव्य दोनों साथ- साथ चलते हैं। शुक्रवार
को समाप्त हुए तीन दिवसीय सम्मेलन का शीर्षक था- देशो और अंतरराष्ट्रीय संगठनों की सह
जिम्मेदारी के संदर्भ में आज मेषपालीय मानवीय आवागमन।
संत पापा ने कहा कि लोगों
का प्रवसन या पारगमन अंतरराष्ट्रीय सम्मेलनों के अध्ययन का विषय रहा है ताकि बुनियादी
मानवाधिकारों को सुनिश्चित किया जा सके और भेदभाव, नस्लवाद और असहिष्णुता का सामना किया
जा सका। वे ऐसे प्रयासों के पक्ष में हैं जो वैसी नीतियो और नियमों की रचना करे जिसमें
प्रवासियों और आश्रयदाता देशों के नागरिकों, दोनों के अधिकार और कर्तव्य शामिल हों और
यह हर मनुष्य की प्रतिष्ठा का सम्मान करने पर आधारित हो जिसकी सृष्टि ईश्वर के प्रतिरूप
में हुई है। संत पापा ने इस पर खेद व्यक्त किया कि विश्व के अनेक भागों में विभाजनकारी
दीवार हैं जो परस्पर लेन-देन और समृद्ध होने के अवसरों में प्रशासनिक और विधायी व्यवस्थाओं
की सहायता नहीं करते हैं।