2010-05-24 12:39:52


वाटिकन सिटीः स्थानीय कलीसियाओं से विश्वव्यापी काथलिक कलीसिया के साथ मिलकर रहने का आह्वान


सन्त पापा बेनेडिक्ट 16 वें ने कहा है कि स्थानीय कलीसियाओं को विश्वव्यापी काथलिक कलीसिया की एकता एवं सार्वभौमिकता को स्वीकार करते हुए उसके साथ मिलकर अपनी प्रेरिताई का निर्वाह करना चाहिये।

रविवार 23 मई को, पेन्तेकोस्त महापर्व के उपलक्ष्य में वाटिकन स्थित सन्त पेत्रुस महागिरजाघर में ख्रीस्तयाग के समय प्रवचन करते हुए सन्त पापा ने कलीसिया में पवित्रआत्मा की भूमिका पर चिन्तन किया। उन्होंने कहा कि पवित्रआत्मा के द्वारा पिता ईश्वर मानवजाति के साथ सम्वाद करते तथा मानव परिवार के अलग हुए टुकड़ों को एकता के सूत्र में बाँधते हैं।

सन्त पापा ने घोषित किया कि ईश कार्यों का प्रभाव एकता है, ऐसी एकता जो उसके इतिहास में उसकी पहचान का चिन्ह रही है। उन्होंने कहा कि कलीसिया "आरम्भ ही से, पेन्तेकोस्त के दिन से, भिन्न भिन्न भाषाएँ बोलती है। सार्वभौमिक कलीसिया समस्त स्थानीय कलीसियाओं का आरम्भ बिन्दु है अस्तु, एकता एवं सार्वभौमिकता के आधार पर, स्थानीय कलीसियाओं को सदैव माता कलीसिया के साथ संलग्न रहना चाहिये तथा उसके अधीन रहकर अपने मिशन का निर्वाह करना चाहिये।" उन्होंने कहा, "कलीसिया कभी भी राजनैतिक, जातिगत एवं सांस्कृतिक सीमाओं के भीतर क़ैद नहीं रहती है; वह न तो राज्यों के साथ और न ही देशों के संघों के साथ उलझ सकती है क्योंकि उसकी एकता भिन्न प्रकार की एकता है जो हर मानवीय सीमा को पार करने की आकाँक्षा रखती है।"

सन्त पापा ने कहा, "जब कोई व्यक्ति अथवा समुदाय अपने आप को अपने विचारों एवं कार्य करने के तरीकों तक सीमित कर देता है तब यह इस बात का संकेत होता है कि उसने स्वतः को पवित्रआत्मा से दूर कर लिया है।" उन्होंने कहा कि ख्रीस्तीयों के रास्तों और विशेष रूप से स्थानीय कलीसियाओं के रास्तों को एकमात्र काथलिक कलीसिया के अनुकूल होना चाहिये। इसी से वह भिन्न भाषा भाषी होते हुए भी एकता के सूत्र में बँधी रहेगी क्योंकि "कलीसिया अपने स्वभाव से ही एक होने के साथ साथ बहुविध भी है; अत्यधिक विविध सामाजिक पृष्टभूमियों में जीवन यापन करनेवाले समस्त राष्ट्रों एवं लोगों के बीच अपने मिशन का निर्वाह करना उसकी नियति है।"











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