2010-05-15 17:07:41

44 वे विश्व सम्प्रेषण दिवस के लिए संत पापा का संदेश


काथलिक कलीसिया 16 मई को 44 वाँ विश्व सम्प्रेषण दिवस मना रही है। इस वर्ष के विश्व सम्प्रेषण दिवस के लिए संत पापा के संदेश का शीर्ष वाक्य है - द प्रीस्ट एंड पास्टोरल मिनिस्ट्री इन ए डिजिटल वर्ल्ड- न्यू मीडिया एट द सर्विस औफ द वर्ड अर्थात डिजिटल दिनिया में पुरोहित और मेषपालीय प्रेरिताई- सुसमाचार की सेवा में नया मीडिया। संत पापा ने अपने संदेश में कहा है कि कलीसियाई समुदायों ने जनसंचार के प्रसार और समाज के साथ संवाद के लिए आधुनिक मीडिया का सदैव उपयोग किया है और इस तरह से व्यापक स्तर पर वार्तालाप को प्रोत्साहन प्रदान किया है। हाल में मीडिया में आये अत्यधिक विकास और व्यापक सामाजिक प्रभावों ने मीडिया को फलप्रद पौरोहितिक प्रेरिताई के लिए और अधिक महत्वपूर्ण बना दिया है। हर पुरोहित का प्राथमिक कर्तव्य येसु ख्रीस्त और उनके सुसमाचार की उदघोषणा करना है तथा संस्कारों के माध्यम से उनकी मुक्तिदायी कृपा को लोगों तक पहुँचाना है।
संदेश में कहा गया है कि मल्टीमीडिया जनसंचार तकनीकि सुविधाओं ने ऐसा अवसर दिया है कि पुरोहित भी डिजिटल जनसंचार के द्वारा सुसमाचार के विश्वासी साक्षी बनें, समुदाय के नेता रूप में उचित भूमिका का निर्वाह करें तथा डिजिटल बाजार द्वारा उपलब्ध मंच में अपनी आवाज व्यक्त करें। पुरोहितों के लिए चुनौतियाँ हैं कि पारम्परिक साधनों सहित विजुअल संसाधनों के द्वारा अर्थात तस्वीरों, वीडियों, ब्लाग और वेबसाइटस द्वारा सुसमाचार की घोषणा करें जो संवाद सुसमाचार प्रचार और धर्मशिक्षा देने के लिए नये व्यापक मंच को उपलब्ध करा सकता है।
पुरोहित नयी जनसंचार तकनीकियों का उपयोग करते हुए लोगों को कलीसिया के जीवन तथा येसु के चेहरे को खोजने के लिए लोगों की मदद कर सकते हैं। वे इस लक्ष्य को प्राप्त कर सकें इसके लिए उन्हें अपने प्रशिक्ष काल से ही सुदृढ़ ईशशास्त्रीय अंतदृष्टियों और येसु के साथ वार्ता में स्थापित आध्यात्मिकता के साथ इन तकनीकियों का उपयोग करना सीखना होगा। डिजिटल जनसंचार मंचों में पुरोहितों की उपस्थिति ख्रीस्त के प्रति निकटता को व्यक्त करने पर केन्द्रित हो न कि मीडिया का ध्यान आकर्षित करने के लिए। संदेश में कहा गया है कि डिजिटल कम्यूनिकेशन पुरोहितों के लिए व्यापक मेषपालीय ,संभावनाएँ उपलब्ध कराता है ताकि वे कलीसिया के सार्वभौमिक मिशन को धारण करते हुए व्यापक और यथार्थ विश्व बंधुत्व की रचना करें एवं वर्तमान संसार के सामने येसु के सुसमाचार से प्राप्त होनेवाले नवजीवन के बारे में बतायें।








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