2010-05-12 16:35:35

ख्रीस्तयाग समारोह के अंत में संत पापा का संदेश


लिस्बन- संत पापा ने ख्रीस्तयाग समारोह के अंत में सेतुबल धर्मप्रांत में अल्मादा स्थित राजा ख्रीस्त तीर्थालय की स्थापना की 50 वीं वर्षगाँठ के अवसर पर कहा कि टोग नदी के दूसरे किनारे पर स्थित राजा ख्रीस्त की विशाल मूर्ति और तीर्थालय स्थापना की 50 वीं वर्षगाँठ के समारोहों की समाप्ति की ओर हम बढ़ रहे हैं। सेतुबल के धर्माध्यक्ष गिलबेरतो की इच्छानुसार तीर्थालय की भेंट करना संभव नहीं हो सका वे इस अवसर पर यहाँ से युवा पीढ़ी को ईश्वर पर आशा करने के उदाहरण और उस काल के धर्माध्यक्षों और विश्वासियों की निष्ठा के संकल्प की ओर सजग करना चाहते हैं जिनके द्वारा छोड़ी गयी यह प्रतिमा पुर्तगाल में शांति को संरक्षित रखने के लिए प्रेम और कृतज्ञता का चिह्न है।

सम्पूर्ण पुर्तगाल की ओर बाँह फैलाये ख्रीस्त की प्रतिमा ऐसा स्मरण कराना चाहती है कि क्रूस पर येसु ने संसार के लिए शांति प्राप्त किया तथा दिखाया कि वे राजा और सेवक दोनों हैं, क्योंकि वे मानवजाति के सच्चे मुक्तिदाता हैं।

इस तीर्थालय को ऐसा स्थल बनने दें जहाँ हर विश्वासी अपने जीवन के बपतिस्माई समर्पण में ख्रीस्त के राज्य के मूल्यों की कितनी गहराई है इसे पा सके, निर्धनों और शोषितों को पक्ष में समाज से जुड़कर प्रेम, न्याय और शांति की रचना करने में शामिल हो ताकि ख्रीस्तीय समुदाय की आध्यात्मिकता को ख्रीस्त, प्रभु और इतिहास के जज पर केन्द्रित कर सकें। सत पापा ने कहा कि ख्रीस्त राजा तीर्थालय में काम करनेवाले तथा सेवा देनेवाले सबलोगों, तीर्थयात्रियों और सेतुबल धर्मप्रांत के सब विश्वासियों पर, प्रत्येक व्यक्ति के ह्दय,परिवार और समाज में प्रचुर मात्रा में आशा और दीर्घकालीन शांति रूप दिव्य वरदानों की कामना करते हैं।













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