स्वर्ग की रानी आनन्द मना प्रार्थना के पाठ से पूर्व दिया गया सन्त पापा बेनेडिक्ट 16
वें का सन्देश
श्रोताओ, संत पापा बेनेडिक्ट 16 वें ने रविवार 9 मई को संत पेत्रुस महागिरजाघर के प्रांगण
में देश विदेश से आये हजारों तीर्थयात्रियों और पर्यटकों के साथ स्वर्ग की रानी आनन्द
मना प्रार्थना का पाठ किया। इससे पूर्व उन्होंने भक्तों और पर्यटकों को सम्बोधित करते
हुए कहा-
अति प्रिय भाइयो एवं बहनो,
मई महीना प्रिय माह है तथा विभिन्न
कारणों से इसके आगमन का स्वागत किया जाता है। उत्तरी गोलार्द्ध में वसंत काल विभिन्न
आकर्षक रंगों में आगे बढ़ता है। टहलने तथा पर्यटन के अनुकूल मौसम होता है। पूजनधर्मविधि
के लिए मई माह हमेशा पास्का काल का, अल्लेलूइया के काल का होता है। पुनरूत्थान और पास्काई
विश्वास के आलोक में ख्रीस्त के रहस्य की प्रकाशना का होता है तथा पवित्र आत्मा के लिए
प्रतीक्षा करने का समय है जो पेंतेकोस्त के दिन सामर्थ्य सहित नवजात कलीसिया पर उतरता
है।
प्रकृति और पूजनधर्मविधि इन दोंनों संदर्भों के साथ कलीसिया की परम्परा
सुसंगत है कि मई माह कुँवारी माता मरियम को समर्पित है। वह वास्तव में, सृष्टि में खिलनेवाली
सबसे सुन्दर फूल है, गुलाब, जो समय के पूरा होने पर प्रकट हुआ जब ईश्वर ने अपने पुत्र
को भेजते हुए विश्व के लिए एक नया वसंत दिया। वे ख्रीस्तीय समुदाय के प्रथम चरणों का
विनम्र और विवेकी मुखपात्र हैं। वे इसकी आध्यात्मिक ह्दय है क्योंकि शिष्यों के मध्य
उनकी उपस्थिति प्रभु येसु और उनके आत्मा के उपहार के संकल्प की जीवित स्मृति हैं।
इस
रविवार का सुसमाचार जो संत योहन रचित सुसमाचार के अध्याय 14 से लिया गया है हमें कुँवारी
माता मरियम की निर्विवाद आध्यात्मिक शब्दचित्र अर्पित करता है जहाँ येसु कहते हैं- यदि
कोई मुझे प्यार करेगा तो वह मेरी शिक्षा पर चलेगा। मेरा पिता उसे प्यार करेगा और हम उसके
पास आकर उस में निवास करेंगे। ये अभिव्यक्तियाँ शिष्यों को सम्बोधित हैं लेकिन इन्हे
उनके लिए भी सटीक रूप से लागू कर सकते हैं जो येसु की प्रथम और पूर्ण शिष्य हैं। मरियम
ने वस्तुतः पहली बार और पूर्ण रूप से अपने पुत्र के वचन को सुना, देखा तथा दिखाया कि
वे उन्हें न केवल उनकी माँ होने के कारण प्यार करती हैं लेकिन इससे भी पहले वे विनम्र
और विनीत दासी हैं। इसी कारण पिता ईश्वर ने उन्हें प्यार किया और पवित्र आत्मा ने उनमें
निवास किया।
इससे बढ़कर जब येसु ने अपने मित्रों से प्रतिज्ञा की कि पवित्र
आत्मा उनकी सहायता करेगा, उनके हर शब्द को याद करने और गहराई से समझने के लिए उन्हें
मदद करेगा तब हम कैसे मरियम, पवित्र आत्मा का मंदिर, के बारे में नहीं सोच सकते हैं जिन्होंने
अपने ह्दय में, अपने पुत्र के द्वारा कहे गये हर शब्द और किये गये हर काम पर विश्वासपूर्वक
मनन चिंतन किया। इस तरह से, पास्का के पहले और पास्का के बाद, येसु की माँ मरियम, कलीसिया
की माता और आदर्श बन गयीं।
अतिप्रिय मित्रो, मरियम को समर्पित माह के मध्य में
मुझे आनेवाले दिनों में पुर्तगाल जाने का आनन्द प्राप्त होगा। मैं राजधानी लिस्बन और
पोर्तो जो देश का दूसरा बड़ा शहर है का दौरा करूंगा। मेरी यात्रा का मुख्य उद्देश्य,
दो छोटे चरवाहे जासिन्ता और फ्रांचेस्को की धन्य घोषणा की 10 वीं वर्षगाँठ के अवसर पर
फातिमा की यात्रा करना है। मैं संत पेत्रुस के उत्तराधिकारी रूप में पहली बार इस मरियम
तीर्थालय पर जाऊँगा जो वंदनीय संत पापा जोन पौल द्वितीय को बहुत प्रिय था। मैं आप सबको
आमंत्रित करता हूँ कि मेरी इस तीर्थयात्रा में मेरे साथ रहें और आपकी प्रार्थना द्वारा
सक्रिय भाग लें। हम एक हदय और एक आत्मा से कलीसिया के लिए, विशेष रूप से पुरोहितों और
विश्व में शांति की स्थापना के लिए कुँवारी माता मरियम की मध्यस्थता की याचना करते हैं।
इतना कहने के बाद संत पापा ने स्वर्ग की रानी आनन्द मना प्रार्थना का पाठ किया
और सबको अपना प्रेरितिक आशीर्वाद प्रदान किया।