वाटिकन सिटीः फातिमा तीर्थ पर सन्त पापा की भेंट पर वाटिकन प्रवक्ता की टीका
सन्त पापा बेनेडिक्ट 16 वें की पुर्तगाल प्रेरितिक यात्रा इतिहास में ईश्वर के कार्यों
को प्रकाशमान करेगी, कहना वाटिकन के प्रवक्ता फादर फेदरीको लोमबारदी का।
वाटिकन
टेलेविज़न के साप्ताहिक कार्यक्रम ओक्तावा दियेज़ के लिये लिखे एक सम्पादकीय में फादर
लोमबारदी ने सन्त पापा बेनेडिक्ट 16 वें की पुर्तगाल यात्रा के उद्देश्य को स्पष्ट किया।
मरियम दर्शन प्राप्त करनेवाले चरवाहे फ्राँसिसको मार्तो एवं जसिन्ता की धन्य
घोषणा की दसवीं जयन्ती के लिये सन्त पापा बेनेडिक्ट 16 वें 11 मई से 14 मई तक पुर्तगाल
में होंगे।
फादर लोमबारदी ने कहा, "सन् 2000 में सन्त पापा जॉन पौल द्वितीय फ्राँसिसको
मार्तो एवं जसिन्ता की धन्य घोषणा के अवसर पर फातिमा के तीसरे रहस्य का उदघाटन करना चाहते
थे तथा प्रभु ख्रीस्त की दो हज़ारवीं जयन्ती के उपलक्ष्य में दो सहस्राब्दियों के बीच
पारगमन को प्रकाशित करना चाहते थे।" उन्होंने कहा कि अगाध पीड़ा से भरी एक शताब्दी समाप्त
हो रही थी जिसमें फातिमा में पाये गये मरियम दर्शनों ने आशा की किरण दिखाई। उन्होंने
कहा कि पिछली शताब्दी वह समय था जब युद्ध हुए, कई अपने विश्वास के ख़ातिर शहीद हुए तथा
कलीसिया के परमाध्यक्ष को भी कठिन परीक्षा के काल से गुज़रना पडा।
उन्होंने कहा
कि उस शताब्दी में दो अज्ञान एवं निर्दोष बच्चे एक साधारण से नगर में मरियम दर्शन के
कृपापात्र बने। सादगी से पूर्ण एक सन्देश इन्हीं बच्चों के सिपुर्द किया गया जिसने उस
आध्यात्मिक बल को प्रवाहित किया जो सभी सीमाओं के परे है तथा इतिहास की गम्भीर एवं दर्दनाक
परिस्थितियों के बावजूद सम्पूर्ण मानवजाति तक प्रसारित किया जा सकता है।
अपने
सम्पादकीय में उन्होंने ततकालीन कार्डिनल राटसिंगर के शब्दों को उद्धृत कर कहा कि इतिहास
के स्वामी ईश्वर के कार्य के प्रति ज़िम्मेदार रहना मनुष्य की परम कर्त्तव्य है। फातिमा
में दर्शन देने वाली कुँवारी उन मूल्यों को याद करने की पुकार लगा रही है जिसे मानव भूल
गया है।
फादर लोमबारदी ने कहा, "नवीन सहस्राब्दि के रास्ते को पढ़ने के लिये
हमें निर्दोष आँखों की ज़रूरत है ताकि हम उसके ख़तरों और साथ ही उसकी यथार्थ आशाओं को
पहचानने में सक्षम बन सकें।"