2010-05-08 16:33:17

बेल्जियम के धर्माध्यक्षों के लिए संत पापा का संदेश


संत पापा बेनेडिक्ट 16 वें ने बेल्जियम से आये पंचवर्षीय पारम्परिक मुलाकात सम्पन्न कर चुके धर्माध्यक्षों को शनिवार को सामूहिक रूप से सम्बोधित किया। उन्होंने ख्रीस्तीय और धार्मिक प्रशिक्षण तथा पौरोहितिक बुलाहट के महत्व पर बल दिया तथा सब विश्वासियों को ख्रीस्तीय विश्वास के सौंदर्य की पुर्नखोज करने के लिए प्रोत्साहन दिया। बेल्जियम में काथलिक विश्वास की जड़ें गहरी हैं लेकिन हाल के वर्षों में बपतिस्मा प्राप्त चर्च जाने वाले तथा खुले रूप से अपने विश्वास का साक्ष्य देनेवाले विश्वासियों की संख्या में कमी, पुरोहितों तथा धर्मसमाजियों की बढ़ती औसत आयु, सामाजिक और शैक्षणिक क्षेत्रों में सक्रिय रूप से कार्यरत धर्मसमाजियों तथा धर्मसमाजी बुलाहटों की घटती संख्या जैसी समस्याएँ हैं। संत पापा ने पुरोहिताई और धर्मसमाजी बुलाहटों को प्रोत्साहन प्रदान करने के लिए व्यापक स्तर पर गंभीर प्रयास किये जाने का आह्वान किया जो पौरोहितिक पवित्रता के जीवंत और सच्चे उदाहरणों पर आधारित हो। फादर डेमियन दे वूस्टर के संत घोषणा समारोह के स्मरण करते हुए संत पापा ने कहा कि पुरोहितों के समर्पित वर्ष में यह संत, पुरोहित और मिशनरी प्रेरिताई का अच्छा उदाहरण हैं। पुरोहितों की संख्या में गिरावट को अपरिहार्य प्रक्रिया के रूप में नहीं देखा जाना चाहिए लेकिन सच्ची और अच्छी बुलाहटों के लिए काम किया जाये। लोकधर्मियों के प्रशिक्षण के लिए दिये जा रहे ध्यान की संत पापा ने सराहना की। उन्होंने बल दिया कि काथलिक समुदाय के सदस्य विशेष रूप से लोकधर्मियों का आह्वान किया जाता है कि वे खुले रूप से अपने विश्वास का साक्ष्य दें तथा सार्वजनिक संस्थानों की स्वस्थ धर्मनिरपेक्षता तथा अन्य धर्मों का सम्मान करते हुए समाज में खमीर के समान काम करें।








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