महिलाओं का प्रशिक्षण मौतों को रोक सकता है, रिपोर्ट
बच्चों और महिलाओं के स्वास्थ्य से जुड़ी लोकोपकारी ग़ैरसरकारी संस्था सेव द चिल्ड्रेन
की एक रिपोर्ट में कहा गया कि यदि प्रशिक्षित महिला स्वास्थ्यकर्मियों की संख्या बढ़ाई
जाए तो लाखों महिलाओं और बच्चों की जान बच सकती है। मंगलवार को जारी रिपोर्ट के अनुसार
विकासशील देशों में बड़ी तादाद में महिलाएं पारंपरिक और सामाजिक बंधनों के कारण पुरूष
डॉक्टरों के पास नहीं जातीं हैं। बांग्लादेश का उदाहरण देते हुए रिपोर्ट में कहा
गया कि बांग्लादेश में हज़ारों महिला स्वास्थ्यकर्मियों की नियुक्ति के बाद बच्चों की
मौत में 64 प्रतिशत की कमी आ सकी। इसी प्रकार, इंडोनेशिया में “हर गांव में एक दाई”
शीर्षक से संचालित एक कार्यक्रम से बच्चों के जन्म के दौरान होनेवाली महिला मृत्यु दर
में 42 प्रतिशत की कमी आई। रिपोर्ट में इस बात की ओर ध्यान आकर्षित कराया गया कि
विश्व में पांच करोड़ महिलाएं अभी भी बिना किसी स्वास्थ्यकर्मी या प्रशिक्षित मदद के
बच्चों को जन्म दे रही हैं। "सेव द चिल्ड्रेन" संस्था के स्वास्थ्य निर्देशक साइमन
राइट का कहना है कि विश्व के कई भागों में सामाजिक अड़चनों की वजह से महिलाएं गंभीर
स्थिति में भी पुरूष डॉक्टरों की मदद नहीं लेतीं हैं। रिपोर्ट में कहा गया महिलाओं
को बहुत कम लागत और आसानी से प्रशिक्षित किया जा सकता है। इस प्रशिक्षण में जन्म के बाद
मां की देखभाल, बच्चे को मां का दूध पिलाने में सहायता, टीका लगाना और ऐंटीबायोटिक दवाओं
का इस्तेमाल शामिल है।