संत पापा के परमाध्यक्षीय काल पर इताली सीनेट के अध्यक्ष के विचार
इताली सीनेट के अध्यक्ष रेनातो स्कीफानी ने संत पापा बेनेडिक्ट 16 वें के पाँच वर्षीय
परमाध्यक्षीय काल के प्रभावों पर चिंतन प्रस्तुत करते हुए कहा पीड़ा और अन्याय के सामने
वे कभी निष्क्रिय नहीं रहे हैं। उन्होंने कलीसिया के अंदर ही कछेक पुरोहितों द्वारा किये
गये बाल यौन दुराचार मामलों जैसी कठिन समस्याओं का सामना करने के लिए अनेक कदम उठाये
हैं। कांग्रेगेशन औफ द चिल्डै्न औफ द इम्माकुलेट कानसेप्सन द्वारा विचार की कमी से विश्व
पीड़ा सहता है शीर्षक से बुधवार संध्या रोम में आयोजित समारोह में श्री स्कीफानी विचार
व्यक्त कर रहे थे। उन्होंने कहा कि छिपे खतरों, विश्वासघात, अपर्कीति, कलीसिया के सामने
प्रस्तुत दर्दभरे व्रण इन सबसे संत पापा निडर हैं। उन्होंने कुछेक पुरोहितों द्वारा किये
गये पाप और आपराधिक कृत्यों पर दुःख और लज्जा व्यक्त किया है। वे पीडितों से मिलकर उनके
दुःख में शामिल हुए हैं तथा मुददों का समाधान पाने के लिए कदम उठाये हैं। संत पापा ने
नैतिक अस्तव्यस्तता का माहौल बनाने के प्रयासों के बीच अपमान का जवाब सुसमाचारी विनम्रता
द्वारा दिया है। श्री स्कीफानी ने कहा कि एक दिन ऐसा होगा कि हमारे समय के स्त्री और
पुरूष कह सकेंगे कि तूफान के मध्य में उन्होंने आस्था और आशा को बनाये रखा और सहयात्रियों
में इनका प्रसार किया जिससे एक सुदृढ़ और जीवंत मसीही समुदाय का जन्म हुआ।