2010-04-29 17:00:05

संत पापा ने कांगो के राजदूत का प्रत्यय पत्र स्वीकार किया


संत पापा बेनेडिक्ट 16 वें ने वाटिकन के लिए नवनियुक्त कांगो के राजदूत ज्यां पियेर हामोली मूपेंदा का प्रत्यय पत्र गुरूवार को स्वीकार किया। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि कांगो में राष्ट्रीय स्तर पर मेलमिलाप और पुर्नमिलन के संकल्प को पूरा करने की जरूरत है और इसके लिए एक श्रेष्ठ उपाय युवापीढ़ी को शिक्षित किया जाना है जो देश में दीर्घकाल तक चले युद्ध के कारण शिक्षा से वंचित होकर बाल सैनिक के रूप में अपनी भूमिका निभाते रहे हैं। संत पापा ने महिलाओं और बच्चों के प्रति अपनी प्रार्थना और चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि अत्यधिक हिंसा के कारण उनके अधिकारों का हनन होता रहा है। उन्होंने काथलिक कलीसिया की स्थिति को देखते हुए कहा कि देश में आंतरिक चंगाई और मेलमिलाप को बढ़ावा देने तथा युवाओं को शिक्षित करने के काम में वह अपना योगदान देती रहेगी। देश के कुछ प्रांतों में युद्ध एवं संघर्ष की स्थिति को देखते हुए संत पापा ने नागरिक और प्रशासनिक अधिकारियों का आह्वान किया कि वे सबलोगों के मानवाधिकारों का ध्यान रखते हुए संघर्षों को समाप्त करने तथा देश में मानवीय और सामाजिक पु्र्ननिर्माण के लिए काम करें। संत पापा ने गणतांत्रिक कांगो के पुर्ननिर्माण और देश में शांति और सौहार्द की स्थापना के लिए अंतरराष्ट्रीय समुदाय से सहयोग करने का आह्वान किया। अंत में संत पापा ने कांगों में काथलिक समुदाय और विशेष रूप से धर्माध्यक्षों को शुभकामना देते हुए उनसे आग्रह किया कि वे ईश्वर के उदार प्रेम के साक्षी बनें तथा संयुक्त कांगो के निर्माण में सहयोग दे जहाँ प्रत्येक व्यक्ति प्रेम और प्रतिष्ठा का अनुभव करे।







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