2010-04-26 17:01:28

स्वर्ग की रानी आनन्द मना प्रार्थना के पाठ से पूर्व दिया गया सन्त पापा बेनेडिक्ट 16 वें का सन्देश


श्रोताओ, संत पापा बेनेडिक्ट 16 वें ने रविवार 25 अप्रैल को संत पेत्रुस महागिरजाघर के प्रांगण में देश विदेश से आये हजारों तीर्थयात्रियों और पर्यटकों के साथ स्वर्ग की रानी आनन्द मना प्रार्थना का पाठ किया। इससे पूर्व उन्होंने भक्तों और पर्यटकों को सम्बोधित करते हुए कहा-

अति प्रिय भाइयो एवं बहनो,

पास्का के चौथे रविवार को जिसे भले गडेरिये का रविवार कहा जाता है, इस दिन बुलाहटों के लिए प्रार्थना का विश्व दिवस है। इस वर्ष इस दिवस का शीर्ष वाक्य है साक्षी बुलाहटों को जाग्रत करता है। यह शीर्षक पुरोहितों और समर्पित जीवन जीनेवालो के जीवन और मिशन से निकट रूप से जुडा है। साक्षी देने का पहला रूप प्रार्थना है जो बुलाहटों को उत्पन्न करता है जैसा कि हमें संत मोनिका के उदाहरण में दिखाया गया है। वे ईश्वर से नम्रता और धैर्यपूर्वक प्रार्थना करती रहीं तथा जिन्होंने अपने बेटे अगुस्टीन को ईसाई बनते देखने के वरदान को प्राप्त किया। संत अगुस्टीन लिखते हैं- मैं बिना संदेह विश्वास करता तथा इस बात की पुष्टि करता हूँ कि उनकी प्रार्थना द्वारा ईश्वर ने मुझे यह कृपा दिया कि मैं प्रस्ताव नहीं करुँ, नहीं सोचूँ, किसी अन्य वस्तु से प्रेम नहीं करूँ लेकिन सत्य की खोज में लगा रहूँ।

मैं अभिभावकों को प्रार्थना करने के लिए आमंत्रित करता हूँ ताकि भले गडेरिये की वाणी को सुनने के लिए उनके बच्चों के दिल खुलें और बुलाहट का प्रत्येक छोटा बीज एक प्रौढ़ पेड़ बनकर कलीसिया और सम्पूर्ण मानवजाति के लिए बहुत फल उत्पन्न करे। हम ईश्वर की आवाज को कैसे सुन और पहचान सकते हैं - प्रेरितों और उनके उत्तराधिकारियों के प्रवचनों में। इन सब में ख्रीस्त की पुकार प्रतिध्वनित होती है जो हमें जीवन की परिपूर्णता पाने और ईश्वर के साथ एक होने के लिए आह्वान करते हैं। आज हम संत योहन रचित सुसमाचार से पढ़ते हैं- मेरी भेडें मेरी आवाज पहचानती हैं और मेरा अनुसरण करती हैं। मैं उन्हें अनन्त जीवन प्रदान करता हूँ। उनका कभी सर्वनाश नहीं होगा और उन्हें मुझ से कोई नहीं छीन सकेगा। केवल भला गड़ेरिया बहुत सावधानीपूर्वक अपनी रेवड़ की अगुवाई कर उन्हें हर प्रकार की बुराई से बचाता है। केवल उन्हीं में विश्वासी जन पूर्ण भरोसा रख सकते हैं।

मैं बुलाहटों के लिए प्रार्थना करने के इस विशेष दिवस पर पुरोहितों का आह्वान करता हूँ कि पुरोहितों को समर्पित वर्ष से प्रेरणा पाकर वे आज की दुनिया में सुसमाचार का सुदृढ़ और प्रभावी साक्ष्य दें। वे याद रखें कि पुरोहित पृथ्वी पर मुक्ति के कार्य़ को जारी रखते हैं। वे यह जानें कि कैसे बारम्बार येसु के प्रकोश के सामने आयें। वे सन्यास धर्म के गहन अभ्यास द्वारा अपनी बुलाहट और मिशन के प्रति पूर्ण निष्ठावान बने रहें। वे सुनने और क्षमा देने के लिए उपलब्ध रहें। जिन्हें उनकी देखरेख में सौंपा गया है वे उन्हें ख्रीस्तीय तरीके से प्रशिक्षित करें। वे सावधानीपूर्वक पुरोहित बिरादरी का विकास करें तथा बुद्धिमान और उत्साही मेषपालों को अपना आदर्श बनायें जैसे संत ग्रेगोरी नाजियानुस, जिन्होंने अपने प्रिय मित्र और धर्माध्यक्ष संत बासिल को लिखा- अपनी रेवड़ के प्रति आपका प्रेम, आपकी सहदयता और समझदारी की क्षमता, आपकी सतर्कता....मधुरता में तपस्या, कार्य़ों में नम्रता और शांतचित्तता, रेवड़ की रक्षा के लिए संघर्ष तथा ख्रीस्त में प्राप्त विजय हमें सिखायें।

मैं यहाँ उपस्थित प्रत्येक व्यक्ति तथा संत पेत्रुस के उत्तराधिकारी रूप में मेरी प्रेरिताई को जो लोग प्रार्थना और स्नेह द्वारा समर्थन प्रदान करते हैं आप सब पर कुँवारी माता मरियम के संरक्षण की कामना करता हूँ। अब हम प्रार्थना में उनकी ओर अभिमुख होते हैं।

इतना कहने के बाद संत पापा ने स्वर्ग की रानी आनन्द मना प्रार्थना का पाठ किया तथा सबको अपना प्रेरितिक आशीर्वाद प्रदान किया।








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