2010-04-23 17:28:22

कलीसिया को पर्यावरण संबंधी मुद्दों पर और अधिक काम करने की जरूरत है


(लाहौर उकान) विश्व पृथ्वी दिवस के अवसर पर पाकिस्तान के लाहौर में 22 अप्रैल को आयोजित ख्रीस्तयाग में शामिल होनेवाले पुरोहितों और धर्मसमाजियों ने कहा है कि पर्यावरण संबंधी मुद्दों पर कलीसिया को और अधिक काम करने की जरूरत है। फ्रांसिस्कन मिशनरीस ओफ मेरी धर्मसमाज की प्रोविंशियल सिस्टर हेलेन मैकअलिस्टर ने उकान समाचार सेवा से कहा कि लाहौर धर्मप्रांत में कारितास के अतिरिक्त केवल एक धर्मसमाज सोसाइटी ओफ सेंट कोलुम्बान ने इस मुद्दे पर काम करने के लिए समर्पण व्यक्त किया है। वे काथलिक विद्यालयों में पूजन धर्मविधि और पर्यावरण संबंधी कार्य़शाला आयोजित करते हैं। वे पोस्टर छपवाते तथा पुस्तिकाएँ बाँटते हैं। इससे लोगों में पृथ्वी और पर्यावरण के प्रति जागरूकता बढ़ रही है लेकिन परिस्थिति इतनी गंभीर है कि और अधिक गंभीर जवाब दिया जाना है। ख्रीस्तयाग के अनुष्ठाता फादर जोन शकीर जो सामाजिक सम्प्रेषण संबंधी धर्माध्यक्षीय समिति के कार्यकारी सचिव हैं उन्होंने कहा कि पाकिस्तान में बम विस्फोटों तथा शहरीकरण ने पर्यावरण को गंभीर क्षति पहुँचाया है। पक्षियों की अनेक प्रजातियाँ लुप्त हो जा रही हैं। यह हमारा उत्तरदायित्व है कि पृथ्वी और जीवन का संरक्षण करें। यह विश्वास की बुलाहट है लेकिन हमने अबतक इसका सकारात्मक जवाब नहीं दिया है। वर्षा में 50 प्रतिशत की कमी आई है तथा ग्रीष्मकाल पहले से कहीं अधिक गर्म रहा है। पानी की कमी ने विद्युत उत्पादन को भी प्रभावित किया है। 20 घंटों तक बिजली सप्लाई नहीं होने से पंजाब प्रांत में कृषि कार्य भी प्रभावित हुआ है। सिस्टर मैकअलिस्टर ने कहा कि पाकिस्तान में पिछले 50 वर्षों में सड़कों का चौड़ीकरण हुआ है लेकिन वाहनों की संख्या में दोगुणी वृद्धि होने से वायु प्रदूषण के कारण साँस लेना भी मुश्किल हो जाता है। यह स्थिति हमारे पर्यावरण के लिए अपमान की बात है।








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