बुधवारीय-आमदर्शन समारोह के अवसर पर संत पापा बेनेदिक्त सोलहवें का संदेश 21 अप्रैल,
2010
रोम, 21 मार्च, 2010 (सेदोक) बुधवारीय आमदर्शन समारोह में संत पापा बेनेदिक्त सोलहवें
ने संत पेत्रुस महागिरजाघर के प्रांगण में एकत्रित हज़ारों तीर्थयात्रियों को विभिन्न
भाषाओं में सम्बोधित किया। उन्होंने कहा-
प्रिय भाइयो एवं बहनों, पिछले सप्ताह
के अंत में मुझे माल्टा में प्रेरित संत पौल के पोतभंग और वहाँ उनके तीन महीनों के निवास
का 1950वाँ वर्षगाँठ मनाने का सुवासर मिला।
मैं माल्टा के कलीसियाई और स्थानीय
अधिकारियों का आभारी हूँ जिन्होंने मेरी आवभगत की।
संत पौल के ग्रोटो के सामने
मैंने प्रेरित संत पौल के कार्यों के लिये ईश्वर को विशेष धन्यवाद दिये। प्रेरित संत
पौल ने अपने धार्मिक उत्साह के कारण माल्टा में विश्वास और पवित्रता का बीज बोया था।
आज
माल्टा के ईसाइयों में ख्रीस्तीय विश्वास की जड़ इतनी गहरी है वह किसी भी चुनौती का सामना
साहस और ईश्वर के प्रति अपार आस्था के साथ कर सकते हैं।
माल्टावासियों में जो
दृढ़ विश्वास है उसकी झलक उस समय मिली जब संत पुबलियुस के महागिरजागर के प्रांगण में
लोगों के साथ मैंने यूखरिस्तीय बलिदान सम्पन्न किया।
माल्टा की कलीसिया ने सदा
ही अपनी उदारता का परिचय दिया है । माल्टा के क्रूस की शक्ति जिसे आज मैंने हवा में
लहराते देखा है सदैव ही लोगों को आपसी प्रेम और मेल-मिलाप का संदेश दिया है।
माल्टा
के विश्वासियों ने इसी क्रूस की शक्ति और सुसमाचार के संदेश को लगातार ही युवा पीढ़ी
को भी देने का प्रयास किया है। जब मैंने वालेत्ता में युवाओं से मिला तो उनसे कहा कि
वे प्रेरित संत पौल को अपने आध्यात्मिक जीवन का आदर्श बनायें और पुनर्जीवित येसु के पास
आयें और ईश्वर योजना को स्वीकार करें वे इस दुनिया की किसी भी चुनौती का सामना साहसपूर्वक
कर पायेंगे।
. इतना कहकर संत पापा ने अपना संदेश समाप्त किया।
उन्होंने
फिलीपींस, नोर्वे, फिनलैंड, स्वीडेन, कनाडा, इंडोनेशिया और अमेरिका के तीर्थयात्रियों,
उपस्थित लोगों एवं उनके परिवार के सब सदस्यों पर पुनर्जीवित येसु प्रभु की कृपा और शांति
का कामना करते हुए कहा की उन्हें अपना प्रेरितिक आशीर्वाद दिया।