2010-04-19 12:03:35

फ्लोरियानाः सन्त पापा ने तापिनू की महारानी मरियम को सोने का गुलाब अर्पित किया


माल्टा में रविवार को फ्लोरियाना स्थित ग्रानाय चौक में ख्रीस्तयग अर्पण के बाद सन्त पापा बेनेडिक्ट 16 वें ने स्वर्ग की रानी प्रार्थना से पूर्व तापिनू की महारानी मरियम को सोने का गुलाब अर्पित किया। सन्त पापा ने माँ मरियम के प्रति माल्टा वासियों की भक्ति का स्मरण किया और कहा कि गोज़ो से उनकी यात्रा के उपलक्ष्य में माल्टा द्वीप लाई गई तापिनू की महारानी मरियम प्रतिमा पर श्रद्धा अर्पित करने का सुअवसर प्राप्त कर वे अत्यधिक हर्षित हैं। सन्त पापा ने माल्टा के लोगों से आर्त निवेदन किया कि वे परिवार की रानी रूप में मरियम की भक्ति करें जैसा कि उनके पूर्वाधिकारी स्व. सन्त पापा जॉन पौल ने सुझाव दिया था। अपनी परमाध्यक्षीय प्रेरिताई की सफलता हेतु उन्होंने उनसे विनती का अनुरोध किया तथा उनकी मेहमान नवाज़ी के लिये हार्दिक धन्यवाद ज्ञापित किया।

प्रतिष्ठित प्रतिभाओं को सोने का गुलाब अर्पित करने की परम्परा भी वाटिकन की प्राचीन परम्परा रही है। सम्मान एवं उत्कर्ष के इस प्रतीक की स्थापना सन् 1049 ई. में सन्त पापा लियो नवम् ने की थी। आरम्भ में यह राजाओं एवं लब्धप्रतिष्ठित व्यक्तियों को सम्मानित करने के लिये अर्पित किया जाता था, बाद में केवल रानियों को सम्मानित करने के लिये किन्तु द्वितीय वाटिकन महासभा के बाद से यह माँ मरियम की प्रतिमा पर श्रद्धा स्वरूप अर्पित किया जाने लगा है।

प्रति वर्ष चालीसा काल के दौरान सन्त पापा सोने के गुलाबों पर आशीष देते हैं। 20 वीं शताब्दी में वाटिकन द्वारा माँ मरियम को 180 सोने के गुलाब अर्पित किये गये थे, सन् 2000 के बाद से केवल सात सोने के गुलाब अर्पित किये गये। सन्त पापा बेनेडिक्ट 16 वें ने सन् 2008 में इटली के पोमपेई मरियम तीर्थ पर तथा सन् 2009 में स्पेन स्थित मरियम तीर्थ पर सोने के गुलाब अर्पित किये थे।

रविवार सन्ध्या माल्टा से पुनः रोम लौटने से पूर्व सन्त पापा ने वालेत्ता के बन्दरगाह पर माल्टा के युवाओं को अपना सन्देश दिया। इस अवसर पर उन्होंने इस तथ्य पर बल दिया कि ईश्वर एवं कलीसिया किसी का बहिष्कार नहीं करते इसलिये माल्टा के युवाओं को अपनी काथलिक धरोहर पर गर्व करना चाहिये। इस समारोह में लगभग 15,000 युवा शामिल हुए।








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