2010-04-18 16:19:59

माल्टा में ख्रीस्तयाग के समय संत पापा द्वारा दिया गया प्रवचन


(सेदोक) सन्त पापा बेनेडिक्ट 16 वें ने रविवार 18 अप्रैल को माल्टा के फ्लोरियाना स्थित ग्रानाय चौक में रविवारीय ख्रीस्तयाग अर्पित किया। इस अवसर पर प्रवचन करते हुए उन्होंने कहा कि इस समय पास्का काल के आनन्द से हमारे दिल भरे हैं। हम ख्रीस्त की विजय, पाप और बुराई पर जीवन की जीत का समारोह मना रहे है। यह वह आनन्द है जो हमारे जीवन में पूर्ण परिवर्तन लाता है तथा ईश्वर की प्रतिज्ञा पूरी होने की आशा से हमें भर देता है। ख्रीस्त जी उठे हैं अल्लेलूइया।

संत पापा ने कहा कि कल यहाँ पहुँचने के साथ ही उन्होंने वही हार्दिक स्वागत का अनुभव पाया है जिसे माल्टा वासियों के पूर्वजों ने वर्ष 60 में प्रेरित संत पौलुस को दिया था। लम्बे इतिहासकाल में अनेक यात्री इस द्वीप पर आये हैं। माल्टा की संस्कृति की विविधता और समृद्धि वह चिह्व है जिसे यहाँ के नागरिकों ने समुद्री यात्रियों का आतिथ्य सत्कार करने और उपहारों के आदान प्रदान द्वारा पाया है। आपने सर्वोत्तम चीजों को चुनने और अपनाने के लिए मनन चिंतन का उपयोग किया है। आपसे अनुरोध है कि इसे जारी रखें।

संत पापा ने कहा कि आज की दुनिया द्वारा प्रस्तावित हर चीज माल्टा के लोगों द्वारा स्वीकार करने योग्य नहीं है। अनेक लोग हमें ईश्वर और उनकी कलीसिया पर विश्वास करने से हतोत्साहित करते हैं तथा उन्हीं के मूल्यों और मान्यताओं के अनुसार जीवन जीने के लिए कहती हैं। वे बताते हैं कि हमें ईश्वर और कलीसिया की जरूरत नहीं है। यदि उनकी बातों को मानने का प्रलोभन हो तो हम आज के सुसमाचार पाठ का स्मरण करें जहाँ शिष्यों ने जो रात भर जाल डालते रहे लेकिन एक भी मछली नहीं पकड़ पाये। उनके अपने प्रयास निष्फल थे लेकिन जब येसु के निर्देश का उन्होंने पालन किया तो बड़ी मात्रा में मछली पकड़ा।

संत पापा ने कहा कि हम प्रभु पर भरोसा रखते हैं और उनकी शिक्षा पर चलते हैं तो हमेशा बड़ा पुरस्कार पायेंगे। आज का पहला पाठ जिसे आप सुनना पसंद करते है- माल्टा के तट पर संत पौलुस के पोत का भंग होना तथा इस द्वीप के लोगों द्वारा उनका गर्मजोशी से स्वागत करना। तूफानी समुद्री लहरों के बीच पोत भंग होते समय संत पौलुस ने लोगों से ईश्वर पर भरोसा रखने का आग्रह किया था। हमें भी अपना विश्वास केवल ईश्वर पर ऱखनी चाहिए। केवल वे ही हमें हर प्रकार की हानि से बचा सकते हैं।

संत पापा ने कहा कि तकनीकि प्रगति, मानवीय उपलब्धियों और सम्पत्ति के बावजूद ईश्वर के साथ हमारा संबंध ही हमें खुशी और मानवीय परिपूर्णता की कुँजी प्रदान करता है। यह हमें प्रेम के संबंध को जीने के लिए आह्वान करता है। हमें जीवन के हर क्षेत्र में ईश्वरीय कृपा की सहायता की जरूरत है। संत पौलुस द्वारा लाये गये विश्वास के उपहार को आपके पूर्वजों ने तुरंत स्वीकार किया और संजोये रखा। इस उपहार की समृद्धि और गहराई की खोज करना जारी रखें तथा अपनी संतान और जो भी इस द्वीप में आते हैं उन्हें देना जारी रखें। माल्टा आनेवाला कोई भी पर्य़टक लोगों की भक्ति भावना, जीवंत मसीही विश्वास, चर्चों तथा तीर्थालयों के सौंदर्य़ से प्रभावित हुए बिना नहीं रहेगा। आप विश्वास के उपहार को अन्यों को बाँटते रहे।

संत पापा ने माल्टा के विश्वासियों से कहा कि माल्टा के प्रथम संत, डोन जोर्ज प्रेका का पुरोहितीय जीवन और मसीही विश्वास का उदाहरण आपको प्रोत्साहन प्रदान करे। इस द्वीप और बाहरी दुनिया के साथ वस्तुओं का आदान प्रदान दोतरफा प्रक्रिया है। जो आप पाते हैं उसका सावधानीपूर्वक मूल्यांकन करें तथा आपके पास जो है उसका मूल्य समझते हुए उसे अन्यों के साथ बाँटें। आप ईश्वर से प्राप्त अनेक वरदानों के लिए निरंतर पुर्नजीवित प्रभु की महिमा और धन्यवाद के गीत गाते रहें।








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