पाकिस्तान में फैसलाबाद धर्मप्रांत की स्थापना का स्वर्ण जयंती समारोह
पाकिस्तान में फैसलाबाद के धर्माध्यक्ष जोसेफ काउटस ने धर्मप्रांत की स्थापना की 50 वी
वर्षगाँठ पर 13 अप्रैल को मनाये गये जुबिली समारोह के अवसर पर कहा कि परिवर्तनों के सामने
हम मूक दर्शक नहीं बने रहें लेकिन इसका उपयोग करें। उन्होंने कहा कि विगत 50 वर्षों में
राजनैतिक, आर्थिक और सांस्कृतिक क्षेत्रों में गहन बदलाव आया है। मीडिया में क्रांति,
गैरसरकारी संगठनों का विस्तार, धार्मिक चरमपंथ का उभार, राजनीति में ईसाईयों की बढ़ती
सहभागिता तथा विभिन्न प्रकार के ईसाई समूहों का विस्तार कलीसिया की ओर से नवीकृत प्रत्युत्तर
की माँग करता है। वरिष्ठ धर्मप्रांतीय पुरोहित फ्रांसिस बशीर ने कहा कि पिछले 25 वर्ष
हमारे लिए बहुत कठिन समय रहा है। 73 वर्षीय फादर जेम्स आर्चअंजेलुस ने कहा कि लोग आज
पहले से कहीं अधिक शिक्षित हैं इसलिए सुसमाचार का बेहतर प्रचार प्रसार करने के लिए पुरोहितों
को आधुनिक तकनीकियों से अवगत होना होगा। जुबिली समारोह पर फैसलाबाद के संत पेत्रुस और
संत पौलुस महागिरजाघर में आयोजित ख्रीस्तयाग की अध्यक्षता धर्माध्यक्ष काउटस ने की जिसमें
21 पल्लियों के लगभग 5 हजार विश्वासी शामिल हुए। पाकिस्तान में वाटिकन के राजदूत महाधर्माध्यक्ष
अदोल्फो तीतो यलाना ने पुरोहित तथा धर्मसमाजी बुलाहटों में हो रही वृद्धि पर प्रसन्नता
व्यक्त करते हुए विश्वासियों से कहा कि हर प्रकार की चुनौतियों और परीक्षाओं के बीच वे
अपने विश्वास की मशाल को जलाये रखें। फैसलाबाद धर्मप्रांत की रचना 13 अप्रैल 1960 को
की गयी थी। शुरू में बेलज्यिम के कापुचिन धर्मसमाजी ने यहाँ काम किया बाद में इटली और
अमरीका के दोमनिकन धर्मसमाजी इस धर्मप्रांत को संचालन कर रहे थे। धर्मप्रांत में इस समय
40 पुरोहित हैं जिन्में 36 धर्मसमाजी हैं, 13 महिला धर्मसमाजी तथा 80 धर्मशिक्षक धर्मप्रांत
के लगभग 1 लाख 75 हजार काथलिकों की सेवा कर रहे हैं।