वाटिकन सिटी, 10 अप्रैल, 2010 शनिवार (बीबीसी) रोमन कैथोलिक चर्च में पादरियों द्वारा
यौन शोषण के मुद्दे पर रोमन कैथोलिक ईसाइयों के धर्मगुरू पोप बेनेडिक्ट 16वें के ख़िलाफ़
पहली बार सीधे आरोप लगे हैं। उन पर आरोप है कि 1985 में वैटिकन के वरिष्ठ अधिकारी
के तौर पर उन्होंने एक ऐसे पादरी के ख़िलाफ़ कार्रवाई करने में देरी की जिसके ख़िलाफ़
बाल यौन शोषण का आरोप था। ये आरोप 1985 में लिखे उस पत्र के आधार पर लगाए गए हैं जिसमें
तब कार्डिनल रहे जोसेफ़ राटज़िंगर (जो बाद में पोप बेनेडिक्ट 16वें बने) ने अमरीकी पादरी
स्टीफ़न काइसली को बर्ख़ास्त करने की अपीलों पर तत्काल कार्रवाई नहीं की थी। वाटिकन
ने दावा किया है कि पोप के (25 साल पहले लिखे) पत्र को सही संदर्भ में देखना चाहिए, जो
एक लंबे पत्राचार का हिस्सा था। ये पत्राचार बाल यौन शोषण के आरोपों में घिरे एक अमरीकी
पादरी को बर्ख़ास्त करने के मुद्दे पर कैलिफ़ोर्निया और रोम के बीच हुआ था। पोप के
आलोचकों का मानना है कि तब उन्होंने कारवाई रोकने और सालों तक उन पत्रों का जवाब न देने
का काम किया जिनमें पादरियों के ख़िलाफ़ यौन शोषण के आरोप लगे थे। ग़ौरतलब है कि पोप
बेनेडिक्ट 16वें के ख़िलाफ़ आरोप तब लगे हैं जब वाटिकन ने कहा है कि पोप पादरियों द्वारा
यौन शोषण के पीड़ितों को मिलने के लिए तैयार हैं। वाटिकन ने इस बात की जानकारी दी
है कि चर्च इंटरनेट पर एक निर्देशिका छापेगा। इसका मक़सद ये स्पष्ट करना होगा कि बिशप
किस तरह से यौन शोषण के आरोपों के बारे में कार्रवाई करते हैं और इन मामलों का निपटारा
करते हैं.