रेक्टर की गिरफ्तारी को देखते हुए सेमिनरी नीति की समीक्षा
भारत के मध्यप्रदेश राज्य में भोपाल महाधर्मप्रांत के एक लघु गूरूकुल में 29 जनवरी को
एक विद्यार्थी की आत्महत्या के बाद गुरूकुल के रेक्टर की 23 मार्च को हुई गिरफ्तारी को
देखते हुए भारत के धर्माध्यक्षों ने सेमिनरी छात्रों के चयन में सावधानी करने पर बल दिया
है। छत्तीसगढ़ राज्य में रायपुर के महाधर्माध्यक्ष जोसेफ अगुस्तीन ने कहा कि सेमिनरियों
और प्रशिक्षण केन्द्रों के लिए उम्मीदवार के चयन में हम पल्ली पुरोहित की सिफारिश सहित
अन्य बातों पर गौर करना चाहते हैं। मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ के धर्माध्यक्षों की 6 अप्रैल
को सम्पन्न क्षेत्रीय बैठक में गुरूकुल छात्रों के अडमिशन पर विचार विमर्श किया। गौर
किया जाये कि पुलिस ने एक सेमिनरियन की 29 जनवरी को हुई आत्महत्या के मामले में भोपाल
महाधर्मप्रांत के लघु गुरूकुल के रेक्टर फादर थोमस फिलिप को 23 मार्च को गिरफ्तार कर
जेल भेज दिया था। वे 9 दिन जेल में रहने के बाद पहली अप्रैल को जमानत पर रिहा किये गये।
महाधर्माध्यक्ष अगुस्तीन ने कहा कि यह घटना विद्यार्थियों के चयन में और अधिक सावधानी
करने की माँग करती है। अबतक विद्यार्थियो को पल्ली पुरोहित की सिफारिश पर चुन लिया जाता
था। उन्होंने कहा कि अब उम्मीदवारों के चयन में उम्मीदवार के विश्वास प्रशिक्षण तथा पारिवारिक
पृष्ठभूमि पर और अधिक जानकारी ली जाएगी। उन्हीं विद्यार्थियों को चुने जाने पर बल दिया
जायेगा जिनके माता पिता बपतिस्मा प्राप्त कर चुके हैं तथा काथलिक धर्म का पालन करते हैं।
भौपाल के महाधर्माध्यक्ष लेओ कोरनेलियो ने कहा कि बदलती परिस्थिति में ऐसा करना जरूरी
हो गया है। धर्मसमाजी जीवन बहुत ही समर्पण और विश्वास की माँग करता है। प्रशिक्षण में
भी आध्यात्मिकता पर और अधिक ध्यान केन्द्रित करने की जरूरत है क्योंकि यह लोगों को समर्पित
जीवन जीने के लिए मदद करता है। इंदौर के धर्माध्यक्ष चाको थोटुमारिकल ने कहा कि दृढ़
आध्यात्मिकता और विश्वास प्रशिक्षण कार्यक्रमों के द्वारा क्षेत्र की सामयिक चुनौतियों
का सामना किया जायेगा। उन्होंने कहा कि पुरोहिताई के लिए उम्मीदवारों के चयन में और अधिक
सावधानी करने की जरूरत है।